सिर दर्द के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानें

in #wortheum2 years ago

सिर के किसी भी हिस्से में अचानक होने वाले दर्द को सिरदर्द कहते हैं. यह सिर के किसी एक या दोनों तरफ हो सकता है. किसी एक खास प्वाइंट से शुरू होकर सिरदर्द पूरे सिर में फैल सकता है या किसी विशेष स्थान पर हो सकता है. सिर में सनसनी पैदा करने वाला, तेज या हल्का दर्द हो सकता है. यह धीरे-धीरे बढ़ सकता है या अचानक तेज सिरदर्द शुरू हो सकता है. कई बार यह एक-दो घंटे तक रह सकता है और कई दिनों तक भी सिरदर्द रह सकता है.

   तनाव के कारण अक्सर सिरदर्द होने लगता है. तनाव से जुड़ा सिरदर्द, कंधों, गर्दन, जबड़े, मांसपेशियों और खोपड़ी में तनाव के चलते होता है. बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से ऐसा सिरदर्द होता है. जीवनशैली में बदलाव करने, पर्याप्त मात्रा में आराम करने या दर्द निवारक दवा लेने से इस दर्द में राहत मिलती है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सिरदर्द कितने प्रकार का होता है, सिरदर्द के लक्षण, कारण और इलाज.

सिर दर्द के प्रकार
अंतरराष्ट्रीय हेडएक सोसाइटी के अनुसार सिर दर्द प्राथमिक और माध्यमिक, दो प्रकार का होता है. प्राथमिक सिरदर्द में टेंशन से होने वाला सिर दर्द, क्लस्टर सिरदर्द और माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द शामिल होते हैं. जबकि माध्यमिक सिर दर्द में रीबाउंड और थंडरक्लैप सिर दर्द, कैफीन के लिए सिरदर्द और स्ट्रेस सिरदर्द शामिल होते हैं.
प्राथमिक सिरदर्द सिर के अंदर दर्द-संवेदी संरचनाओं की अतिक्रियाशीलता या उनमें होने वाली समस्याओं के कारण होते हैं. इनमें रक्त वाहिकाएं, मांसपेशियां, सिरदर्द और गर्दन की नसें शामिल हैं. प्राथमिक सिरदर्द दिमाग की रासायनिक गतिविधियों में होने वाले बदलावों का परिणाम भी हो सकता है. माइग्रेन प्राथमिक सिरदर्द का दूसरा सबसे आम रूप है. क्लस्टर सिरदर्द 15 मिनट से 2-3 घंटे तक भी रह सकता है. यह दिन में कई बार शुरू हो सकता है. टेंशन के सिरदर्द का सबसे प्रमुख कारण है. यह धीरे-धीरे शुरू होता है. इस प्रकार का सिरदर्द भी घंटों तक बने रह सकता है.

    जब सिर की संवेदनशील नसों को कोई अन्य कारण उत्तेजित करता है तो तो माध्यमिक सिरदर्द होता है. यानी जब सिरदर्द के लिए कोई अन्य कारक जिम्मेदार हों तो उसे माध्यमिक सिरदर्द कहा जाता है. अगर आप सिरदर्द की दवाओं का अधिक सेवन करते हैं तो इनके कारण भी माध्यमिक सिरदर्द हो सकता है. साइनस में सूजन या इंफेक्शन के कारण आंखों के पीछे, चेहरे और माथे पर दबाव और सूजन महसूस होती होती है. अगर आप चाय-कॉफी के शौकीन हैं तो बहुत समय तक इनका सेवन नहीं करने से भी माध्यमिक सिरदर्द होने लगता है.

सिरदर्द के लक्षण
जैसा कि हमने ऊपर बताया आमतौर पर सिरदर्द के लक्षणों के लिए किसी डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है. इसके लक्षणों में हल्का सिरदर्द शामिल है, जिसमें आंखों और भौहों के ऊपर सिर के दोनों तरफ दर्द, दबाव या खिंचाव महसूस होता है. सिर के किसी एक हिस्से में भी दर्द, दबाव या खिंचाव महसूस हो सकता है. कई बार यह दर्द गर्दन और सिर के पिछले हिस्से के साथ ही पूरे सिर में फैलने लगता है. ऐसे ही दर्द के बारे में अक्सर लोग ‘सिर दर्द से फट रहा है’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
अगर सिरदर्द तनाव का है तो यह गर्दन और सिर के पिछले हिस्से पर भी असर दिखाता है, जबकि माइग्रेन का सिरदर्द बहुत तेज होता है और इसमें उल्टी व मतली के साथ आवाज और तेज रोशनी में चिड़चिड़ाहत होती है. क्लस्टर सिरदर्द में आंखें लाल होने, आंखों से पानी आने, नाक बहने और पलकों के सूख जाने या सूजन जैसी समस्याएं होती हैं. रिबाउंड सिरदर्द में बेचैनी, गर्दन में दर्द, नाक बंद होना और नींद न आने जैसे लक्षण दिखते हैं. यही नहीं इसका दर्द हर दिन अलग हो सकता है.

सिरदर्द का इलाज
आमतौर पर सिरदर्द थोड़े से आराम और बाम लगाकर ठीक हो जाता है. इसके बावजूद जब सिरदर्द से छुटकारा न मिल रहा हो तो सिरदर्द के लिए दवाएं ओवर द काउंटर आसानी से मिल जाती हैं. यदि इन उपायों से आराम नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर सिरदर्द के कारण जानने के लिए टेस्ट लिख सकते हैं. डॉक्टर की सलाह पर दर्दनिवारक दवा का सेवन करें और भरपूर आराम करें.

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