एक अक्टूबर से बैंकिंग सेक्टर से जुड़े बड़े नियम, आरबीआई ने आदेश जारी किए

in #wortheum2 years ago

Screenshot_2022-09-20-17-14-25-98_40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12.jpgअमरेन्द्र सिंह चौहान
लखनऊ।एक अक्टूबर से बैंकिंग सेक्टर से जुड़े बड़े नियम में बदलाव होने जा रहा है।आरबीआई ने इसके लिए आदेश भी जरी कर दिया है। दरअसल, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों के लिए आरबीआई एक अक्टूबर से कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन नियम ला रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि टोकनाइजेशन सिस्टम में बदलाव आने के बाद कार्डहोल्डर्स को ज्यादा सुविधाएं और सुरक्षा मिलेगी। आरबीआई की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, इन नए नियमों का उद्देश्य क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिये पेमेंट को पहले से अधिक सुरक्षित बनाना है।दरअसल, पिछले कुछ दिनों से क्रेडिट-डेबिट कार्ड के साथ हो रहे धोखाधड़ी कि कई खबरें सामने आ रही थी।लेकिन नए नियम के लागू होने के बाद ग्राहक डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन, पॉइंट ऑफ सेल या ऐप पर ट्रांजैक्शन करेंगे, तो सभी डिटेल इनक्रिप्टेड कोड में सेव होगी।
जानिए क्या है यह टोकनाइजेशन सिस्टम?
टोकन सिस्‍टम से डेबिट और क्रेडिट कार्ड का पूरा डेटा 'टोकन' में बदल जाता है।जिससे आपके कार्ड की जानकारी डिवाइस में छिपाकर रखी जाती है। आरबीआई के कहा है कि कोई भी शख्‍स टोकन बैंक पर रिक्वेस्ट कर कार्ड को टोकन में बदल सकता है। कार्ड को टोकन करने के लिए कार्डधारक को कोई शुल्क नहीं देना है। अगर आप अपने कार्ड को टोकन में बदल देंगे तो किसी भी शॉपिंग वेबसाइट या ई-कॉमर्स वेबसाइट पर आपके कार्ड की जानकारी को टोकन में सेव किया जा सकेगा। आरबीआई के इस नए नियम में ग्राहक से मंजूरी लिए बिना उसकी क्रेडिट लिमिट को नहीं बढ़ाया जा सकता है। इतना ही नहीं, अगर कोई पेमेंट नहीं किया गया है तो शुल्क या टैक्स आदि का ब्याज जोड़ते समय कैपिटलाइज नहीं किया जा सकता है। इससे ग्राहकों को नुकसान नहीं होगा, कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं ।जब बैंकों की तरफ से या क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली संस्था कि तरफ से कई कार्ड से जुड़े कोई नए कदम उठा लिए जाते हैं‌।
फ्रॉड के मामले होंगे कम
रिजर्व बैंक का कहना है कि नए नियम के लागू होने से पेमेंट की व्यवस्था लागू होने से फ्रॉड के मामले कम होंगे। दरअसल, अभी ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारियां लीक हो जाने से उनके साथ फ्रॉड होने का रिस्क बढ़ जाता है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि अभी ई-कॉमर्स वेबसाइट, मर्चेंट स्टोर और ऐप आदि ग्राहकों के डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने के बाद कार्ड के डिटेल्स स्टोर कर लेते हैं। कई मामलों में मर्चेंट्स ग्राहकों के सामने कार्ड डिटेल्स स्टोर करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ते हैं।ये डिटेल्स लीक हो जाने से ग्राहकों को नुकसान होने की आशंका बनी रहती है। लेकिन जब नए नियम लागू होंगे तब इस तरह की घटनाओं पर रोक जाएगी।
नए प्रावधान में है बहुत कुछ खास
आरबीआई के नए प्रावधानों में सबसे ख़ास बात यह है कि कार्ड के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन से जुड़ी जानकारी 'को ब्रांडिंग पार्टनर' को नहीं दिया जाएगा। यह प्रावधान को-ब्रांडेड कार्ड सेग्मेंट में ऑपरेट कर रही कंपनियों के बिजनेस मॉडल को प्रभावित कर सकती हैं, क्योंकि ये कंपनियां इन ट्रांजेक्शन के आधार पर कस्टमर को विभिन्न तरीके के ऑफर देकर लुभाती हैं। ऐसे में अब ग्राहकों को किसी तरह के झांसे में आने का डर नहीं होगा। साथ ही कार्ड को लेकर आर्थिक नुकसान का कोई खतरा भी नहीं होगा।

Sort:  

सर जी मैंने आपके द्वारा लगाई गई 6 दिन तक की खबरों को लाइक कर दिया आप भी मेरी आईडी खोल कर खबर को लाइक कर सहयोग करने की कृपा करें जी