हिंदी को मातृ भाषा, मन की भाषा व संस्कारों की सच्ची संवाहक: ज्ञान प्रकाश मिश्र

in #wortheum2 years ago

IMG-20220914-WA0160.jpgअमरेन्द्र सिंह चौहान
महोली सीतापुर भारतवर्ष में हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है । आज हिंदी के विकास के लिए धरातल पर काम होना जरूरी है कई संस्थाओं में अंग्रेजी का बोल बाला बढ़ गया है।हिंदी के प्रचार प्रसार तो किया जाता है लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं होता हैं । वैसे तो भारत में सैकड़ों भाषाएं और हजारों बोलियां बोली जाती है
लेकिन 1949 राज्य भाषा का दर्जा हिंदी को दिया गया । 14 सितंबर 1953 में राष्ट्र भाषा प्रचार समिति के सिफारिश के बाद से यह दिन हिंदी दिवस के रूप में बनाया जाता है।
कृषक इंटर कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता श्री ज्ञान प्रकाश मिश्र ने कहा कि ,हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है । यह भाषा सभी धर्मो को राष्ट्र की एकता को बांधने का काम करती है यू तो देश में बहुत सी भाषाएं बोली जाती है। दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी ही है।
दुनिया के सभी शिक्षण संस्थानों में हिंदी सिखाई जा रही है।हिंदी भाषा का दूसरा कोई जोड़ नहीं है ।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के हिंदी प्रवक्ता राजकुमार तिवारी जी ने बताया हमे ज्यादा से ज्यादा अपनी मातृ भाषा हिन्दी का प्रयोग करना चाहिए ।बात करते समय या कार्य करते समय हिंदी भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए, हिंदी भाषा के मजबूत करके ही संस्कृत को आगे बढ़ाया जा सकता है । विश्व के लगभग सभी देशों में हिंदी भाषा का कोई विरोध नहीं है। विद्यालय स्तर से ही हिंदी को बढ़ावा देने की ज़रूरत है ,क्योंकि हिंदी भाषा ही संस्कृत ,संस्कारों की संवाहक है।

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