पहले UP के 38 जिले थे बाढ़ प्रभावित, अब सिर्फ इतनी रह गई संख्या; CM योगी ने किया ऐलान

in #up2 years ago

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के मुख्यमंत्री बनने के बाद तेजी से विकास हुआ है और इसका फायदा राज्य के सभी जिलों को हो रहा है. कुछ साल पहले तक राज्य के 38 जिले हर साल बाढ़ से प्रभावित होते थे और इस वजह से हर साल व्यापक तौर पर जनधन की हानि होती थी. हालांकि अब इसकी संख्या सिर्फ 4 रह गई है. सीएम योगी ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि अब राज्य के सिर्फ 4 जिले ही बाढ़ से प्रभावित होते हैं.1452723-yogi-adityanath-0012.jpg
सतर्कता और जागरूकता को बढ़ाने की जरूरत: सीएम योगी
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता को बढ़ाए जाने की जरूरत बताई है. इसके साथ ही उन्होंने आपदा प्रबंधन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर बल दिया. सीएम योगी ने कहा कि अगर लोगों को यह पता होगा कि बाढ़, भूकंप, आकाशीय बिजली, अग्निकांड आदि के समय उन्हें कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए, तो निश्चित ही बड़ी जनहानि से बचा जा सकता है.
आकाशीय बिजली से बचाव जरूरी: सीएम योगी
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) द्वारा आयोजित सम्मेलन में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मिर्जापुर और सोनभद्र जैसे जिलों में आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए अलर्ट सिस्टम को और बेहतर करने की जरूरत है. इसके साथ ही सीएम योगी ने आपदाओं की रोकथाम में आपदा मित्रों की भूमिका की सराहना करते हुए इस कार्य में ग्राम पंचायतों को जोड़ने और आपदा मित्रों की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया.
सड़क दुर्घटनाओं से बड़ी संख्या में होती है मौत
उत्तर प्रदेश के आपदा प्रबंधन प्रधिकारणों के महत्वपूर्ण सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) की ओर ध्यान आकृष्ट किया. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी की वजह से उत्तर प्रदेश जैसी बड़ी आबादी वाले राज्य में अब तक 30 हजार लोगों की मौत हुई है, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं के कारण हर साल करीब 22 हजार लोग असमय अपनी जिंदगी गंवा देते हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के पीछे कहीं-कहीं खराब रोड इंजीनियरिंग का कारण संभव है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हेलमेट और सीटबेल्ट नहीं लगाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, ओवर स्पीडिंग सबसे बड़े कारण हैं. इसे रोकने के लिए हमें जागरूकता बढ़ानी होगी.