जेएनयू में सभी हॉस्टलों की हालत जर्जर, छात्र खौफ में सांस लेने को मजबूर, आंदोलन की चेतावनी

in #university2 years ago

नई दिल्ली: इन दिनों जहां एक तरह दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के संबद्ध 69 कॉलेज के 70 हजार सीटों पर स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए दाखिला प्रक्रिया चल रही है. वहीं दूसरी तरफ बीते कुछ दिनों से इस देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू (Jawaharlal Nehru University) के हॉस्टल की हालत चरमराई हुई है. लगभग हर हॉस्टल के छतों से पानी टपक रहा है. मेस में जहां छात्र बैठ कर खाना खाते हैं, वहीं बगल में छत से पानी गिर रहा है. छात्रों के रूम और बालकनी में सीलन लगे हुए हैं और इन सबके बीच छात्रों को काफी परेशानी हो रही है.768-512-16483942-625-16483942-1664257410602.jpg
दरअसल, राजधानी में हुई लगातार तीन दिनों की बारिश में देखने को मिला कि हॉस्टल के सभी कमरे टपक रहे हैं. इसे लेकर छात्र संगठन लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं. लेकिन जेएनयू प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. वहीं इस विषय पर एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष रोहित कुमार का कहना है कि हम जेएनयू प्रशासन से पिछले कई महीनों से छात्रावास के मरम्मत के लिए गुहार लगा रहे हैं, लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है. जब भी किसी छात्रावास का छत गिरता है या किसी के रूम में छत से पानी टपकता है तो हमें अपने आप से ये पूछने में शर्म आता है की क्या वास्तव में हम इस देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं. छात्रावास की स्थिति काफी जर्जर है. यहां न पीने को साफ पानी है और न रहने को अच्छा कमरा. छात्र हर समय डर और सदमे में जी रहे हैं.
वहीं इकाई मंत्री उमेश चंद्र अजमीरा का कहना है पिछले 6 महीने से हम सुनते आ रहे हैं की छात्रावास पुनर्निर्माण के लिए प्रशासन को 56 करोड़ का फंड आया हुआ है. लेकिन उस फंड का इस्तमाल कहां और कैसे किया जा रहा है, इस बात पर जेएनयू प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. बीते दिनों हुई बारिश ने इस विश्वविद्यालय के व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. अगर प्रशासन ने जल्द इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो हमलोग एक बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे और अपनी तमाम मांगें मनवा कर ही दम लेंगे.
मार्च 2023 तक पूरा हो जाएगा काम: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) की कुलपति शांतिश्री डी. पंडित ने कहा है कि छात्रावास तथा पुस्तकालयों की मरम्मत का काम तेज कर दिया गया है और यह अगले साल तक पूरा हो जाएगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) से मांगी निधि की पहली किस्त मिल गयी है और छात्रावास तथा पुस्तकालय की मरम्मत के काम को प्राथमिकता दी जा रही है. उन्होंने इस संबंध में एक बैठक की. बैठक में उन्हें कार्यों की समिति के अधिकारियों के ने उन्हें आश्वासन दिया कि तत्काल मरम्मत का कार्य तेजी से किया जाएगा.