बीजाडांडी क्षेत्र में चल रहा खुलेआम सट्टा
- प्रतिदिन हो रहा लाखों का खेल
- पुलिस की आंखों के सामने चल रहा अवैध खेल
- मजदूरों की मेहनत की कमाई हो रही बर्बाद
मंडला. मंडला से जबलपुर नेशनल हाईवे 30 में स्थित विकासखंड बीजाडांडी बसा है। बीजाडांडी में इन दिनों सट्टा का खेल खुलेआम खिलाया जा रहा है और पुलिस मूक बने सब देख रही हैं। यहां 1 के 80 का खेल जमकर हो रहा है। ये इतने निडर हो गए है कि इनको न पुलिस का डर है न किसी और का खुलेआम चाय के टपरो में बैठकर सट्टा पट्टी लिख रहे है। बीजाडांडी समेत कई गाँवों में सटटा का कारोबार फल फूल रहा है। नई जनरेशन को ये खेल अपने आगोस में लेते जा रहा है। स्कूली बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इससे घरेलू हिंसा के भी मामले बढ़ रहे। पुरुष तो ठीक है लेकिन इस खेल को महिलाओं को भी अपने शिंकजे फंसा लिया है। खुले आम इस काले धंधे का कारोबार पूरे बीजाडांडी क्षेत्र में चल रहा है। बीजाडांडी पुलिस के द्वारा खाना पूर्ती की जा रही है, जिसके कारण ग्रामीण जानो में रोष वताप्त है।
जानकारी अनुसार जनपद पंचायत के उदयपुर, बीजाडांडी, कालपी, मानिकसरा, पौड़ीमाल के दर्जनों सटोरिया अपने चाय-पान, किराना दुकान व खुले क्षेत्र में पुलिस के डर से बेखोफ होकर खुले आम सट्टा खिला रहे हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में ग्रामीणों की आय सिर्फ मजदूरी है और यहां के ग्रामीण मनरेगा योजना में कार्य कर मजदूरी की राशि से लोभ लालच में अपने पैसों को आठ गुना करने के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई सट्टे में बहा रहे हैं। बता दे कि मनरेगा योजना में जनपद पंचायत बीजाडांडी की 40 पंचायतों में औसतन एक माह में लगभग 2 करोड़ की मजदूरी भुगतान होती है और यह दस अंकों का खेल इस समय सबसे अधिक मजदूर ही खेल रहे है। इससे यह समझना बहुत आसान है कि मजदूर अपने खून-पसीने की कितनी कमाई इस खेल में बहा रहे हैं। जनपद क्षेत्र में इस समय प्रतिदिन लाखों रूपयों का सट्टे का खेल खिलाया जा रहा है।
महिलाएं व बच्चें भी खेल रहे सट्टा :
विकासखण्ड में इस खेल का प्रचलन इतने तेजी से फैल रहा है कि अब स्कूलों के बच्चें व गांव की महिलाएं भी सट्टा खेल के अपनी किस्मत आजमा रही है। गांव में इस खेल की लत इस तरह फैल चुकी है कि परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर सट्टा चार्ट से नंबर निकाल कर दांव खेल रहे है जिसमें महिला व बच्चें भी अपनी भूमिका अदा कर रहे है और अपनी मजदूरी की कमाई इस खेल में गंवा रहे हैं। बता दे कि अभी जो सट्टा खिलाया जा रहा है उसमें दिन में चार बार खेल होता है जिसमें सुबह से रात तक के चार प्रकार के खेल होते है और सभी में मजदूर अपनी किस्मत अजमाते हैं।सट्टा किंग का नाता जबलपुर से :
थाना बीजाडांडी में अभी कुछ माह पूर्व कुख्यात बदमाश बबलू पण्डा का उदयपुर में मर्डर हुआ था, जो विकासखण्ड क्षेत्र में खुलेआम अवैध खेल खिला रहा था लेकिन उस खेल की कमाई को लेकर हुए विवाद में कुख्यात बदमाश को उसके ही साथियों ने उदयपुर के ढाबा में हत्या कर दी। अब विकासखण्ड बीजाडांडी में जो सट्टा खिलाया जा रहा है उसका किंग भी जबलपुर का ही और फिर कमाई विवाद में है। ऐसा ना हो एक बार फिर एक नई बड़ी घटना ना घट जाये।पुलिस की मिली भगत से चल रहा सट्टा :
पुलिस थाना के आस-पास आये दिन सट्टा किंग अपनी लग्जरी कार में दिखाई देता है और इस दौरान बीजाडांडी पुलिस का काफी अमला उसके साथ मौजूद रहता है इससे तो यह स्पष्ट दिख रहा है की पुलिस की मिली भगत से ही यह खेल विकासखण्ड में खुलेआम खिलाया जा रहा है। सट्टा की खबरे आए दिन ही अखबारों में प्रकाशित होती है लेकिन बीजाडांडी पुलिस कुछ ही एजेंटों को पकड़कर अपनी खानापूर्ति कर देती है जबकि सट्टा किंग खुलेआम घूमता नजर आता हैं और उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती। सट्टा पर भी पूर्ण प्रतिबंध नही लगता। बता दे कि जब से विकासखण्ड में सट्टा ने जोर पकड़ा है ग्राम में चोरी की वारदात में भी इजाफा हुआ है। अभी कुछ दिन ही पूर्व ग्राम के प्रसिद्ध श्री राधाकृष्ण हनुमान मंदिर में चोरों ने लगभग 60 हजार की चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। मंदिर समिति व स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली में सवाल उठाते हुए कहा है कि जब भगवान का घर सुरक्षित नही है तो आम लोगों का क्या होगा।इनका कहना है
बीजाडांडी में खुलेआम सट्टा खिलाया जा रहा है, इस संबंध में मैंने अपने लेटर पैड में कुछ दिन ही पूर्व पुलिस थाना बीजाडांडी में लिखित में सूचना दी है लेकिन अभी तक बीजाडांडी में सट्टा लिखना बंद नही हुआ हैं। पुलिस कार्यवाही करने की बजाय संरक्षण देने का काम कर रही हैं।
डुमारीलाल कुम्हरे, सरपंच ग्राम पंचायत बीजाडांडी