06 वर्षीय श्रुति नर्मदा भजन, नर्मदाष्टक गाकर देती है नई ऊर्जा

in #six2 years ago

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  • आध्यात्म के प्रति झुकाव और बालहठ की जिद से माँ भी हैरान
  • माँ, बुआ और मौसी के साथ श्रुति कर रही नर्मदा परिक्रमा

मंडला. वेद पुराणों के अनुसार पुण्य सलिला मां नर्मदा ही एक मात्र ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। माँ नर्मदा के दर्शन मात्र से गंगा में स्नान के समान पुण्य मिलता है। नर्मदा भक्त तरह तरह से परिक्रमा करते हुए मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। विकासखंड निवास में एक ऐसी 06 वर्षीय नन्हीं नर्मदा परिक्रमावासी देखने को मिली, जो अपने बालहठ और उसकी आध्यात्म के प्रति श्रृद्धा ने हजारों किमी की नर्मदा परिक्रमा में शामिल होने की जिद बांध ली। इसी जिद में नन्ही श्रुति अठखेलियां करते, नर्मदा भजन, नर्मदाष्टक गाते परिक्रमा कर रही है। इस नन्हीं बालिका के सुर से इनके साथ परिक्रमा कर रहे सभी को एक नई ऊर्जा मिल रही है। जिससे सभी आनंदित है।

बता दे कि निवास क्षेत्र में पडऩे वाले नर्मदा परिक्रमा पथ से साधु संत, महापुरूष परिक्रमा के लिए निकलते है। जिसे इस मार्ग में रहने वाले लोग रोजाना देखते भी है। यहां के लोग रोजाना बड़े, बुजूर्ग, सन्यासियों को निकलते देखते है। लेकिन आज निवास क्षेत्र के नर्मदा परिक्रमा पथ मार्ग से एक 06 वर्षीय नन्हीं बालिका को नर्मदा परिक्रमा में शामिल देखकर लोग अश्चर्यचकित हो गए। लोगों को कहना था कि 06 वर्षीय नन्हीं बालिका के द्वारा परिक्रमा पर निकलना अपने आप में अद्भुत है।

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जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र डुलिया निवासी भीम सिंह राजपूत के घर में जन्मी श्रुति 6 वर्ष की अल्पायु से ही आध्यात्म की ओर इसका झुकाव देखने को मिला। कथा वाचिका श्रुति की मौसी श्रृद्धा वाडिले ने बताया कि पंडर में विठ्ठल रुको यात्रा करते रहते हैं। जहां राहुल दादा व अन्य नर्मदा भक्तों से मां नर्मदा की परिक्रमा और इसके अद्भुत अनुभवों के बारे में सुना, तो इच्छा हुई की क्यों न हम भी नर्मदा परिक्रमा करें और मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

  • बाल हठ के आगे मान हार :
    परिजनों से चर्चा के दौरान श्रुति की बुआ योगिता वाडले जो एमए इंग्लिश द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत हैं, वह नर्मदा परिक्रमा के लिए सबसे पहले तैयार हुई और बाद में श्रुति की माँ, मौसी श्रृद्धा और एक पड़ोसी भाई भी तैयार हो गए। इसके बाद हम तीनों ने नर्मदा परिक्रमा की तैयारी करने लगे, जब यह जानकारी श्रुति को लगी तो वह भी जिद करने लगी कि मैं भी नर्मदा परिक्रमा के लिए साथ में जाऊंगी। हम सभी लोगों ने बहुत समझाया लेकिन वह नहीं मानी और उसके बालहठ के आगे हमने हार मान ली। जिसके बाद श्रुति भी हम सभी के साथ और ओंकारेश्वर से परिक्रमा आरंभ की और लगभग ढाई माह हो गये प्रतिदिन 30 से 35 किमी चलते हैं। यात्रा के दौरान श्रुति चहलकदमी करते हुए सबसे आगे चलती हैं, साथ ही अपनी तोतली भाषा में नर्मदा भजन और नर्मदाष्टक जोर जोर गा गाकर हम सभी में ऊर्जा भर देतीं हैं।

  • नर्मदा भक्त मिले परिक्रमावासियों से :

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बता दे कि रविवार को नर्मदा उत्तर तट के बरेला, मनेरी मार्ग से नन्हीं परिक्रमावासी श्रुति का आगमन हुआ। जहां ग्राम मेढ़ी में रात्रि विश्राम पर रूके। रविवार को नर्मदा परिक्रमावासी निवास क्षेत्र के मनेरी, सकरी, हरदुली, ग्वारा, हाथीतारा, गुंदलई, भीखमपुर होते हुए ग्राम बिझोली पहुंचे। इसी बीच मार्ग पर निवास क्षेत्र के समाज सेवी हिंदू सेवा परिषद के महासचिव धर्मेंद्र सिंह ठाकुर, अंकित यादव, रोहित प्रशांत चौकसे, दीपक जैन, दुर्गेश यादव, ऋषभ गुप्ता ने इस नन्ही बालिका के दर्शन करने पहुंचे और उनका श्रीफल से स्वागत कर आशीर्वाद लिया। श्रुति की माता वैशाली भीमसिंह राजपूत ने बताया कि मां नर्मदा के भक्त तरह तरह से सेवा देते हुए हम सभी का उत्साह बढ़ा रहे हैं। मंडला जिले के नर्मदा भक्त भी बड़े ही निर्मल ह्रदयी हैं और नर्मदा परिक्रमावासियों की मन लगाकर सेवा करते हैं। परिक्रमा के दौरान एक से बढ़कर एक नर्मदा भक्त मिलते है और अपनी सेवाएं देते है।

  • अठखेलियां करते आगे बढ़ रही श्रुति :

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नर्मदा परिक्रमा यात्रा के दौरान अन्य परिक्रमावासी यदि विश्राम के लिए रुक जायें तो श्रुति उन सभी को आगे चलने को कहती है, श्रुति अपनी तोतली भाषा में अपने सभी साथियों को आगे चलो चलो कहती है और स्वयं भी बिना थके चलती रहतीं है। बीच बीच में बालपन की अठखेलियाँ करतीं है, जिससे अन्य परिक्रमावासियों का उत्साह के साथ मनोरंजन भी होता रहता है। इसी उत्साह को थामे हुए सभी नर्मदा परिक्रमा के पथ मार्ग पर सभी बढ़ते चल रहे है।

  • इनका कहना है

हम ओंकारेश्वर से परिक्रमा आरंभ करके आगे बढ़ रहे हैं, श्रुति को हम लोगों ने लाख समझाया कि न चले, लेकिन वह नहीं मानी और हम लोगों के साथ नर्मदा परिक्रमा करने की जिद करने लगी, जब नहीं मानी तो हमें साथ लाना ही पड़ा और अब वह हम सबसे आगे चलती है।
श्रृद्धा वाडले, मौसी

हमने 9 अक्टूबर से नर्मदा परिक्रमा शुरु किये हैं, हमारे साथ बिटिया श्रुति मेरी बहिन श्रृद्धा, ननद योगिता एवं पड़ोसी भाई परिक्रमा कर रहे हैं। नर्मदा परिक्रमा में माँ नर्मदा के आर्शीवाद से बिना रूके परिक्रमा पथ पर बढ़ रहे है।
वैशाली भीमसिंह राजपूत, श्रुति की मां

मां नर्मदा के अनेकों परिक्रमावासियों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, लेकिन इस तरह की नन्हीं परिक्रमावासी के दर्शन किस्मत वालों को मिलते हैं, लगा जैसे साक्षात मां नर्मदा के ही दर्शन कर रहे हों।
रोहित प्रशांत चौकसे, समाज सेवी

माँ नर्मदा की इस नन्हीं भक्त श्रुति के दर्शन मात्र से अलौकिक सुख की अनुभूति हो रही है, पुण्य सलिला मां नर्मदा की विशेष कृपा से ही श्रृद्धालुओं को परिक्रमा करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
धर्मेंद्र सिंह ठाकुर, प्रदेश महासचिव हिंदू सेवा परिषद्