बनना था पुलिस में सिपाही, बन गया

Screenshot_2022-12-25-22-05-39-07_a71c66a550bc09ef2792e9ddf4b16f7a.jpgWortheum news santkabirnagar:-21 साल का सत्यानंद भारती महंगी चीजों की चकाचौंध में ऐसा फंसा कि पुलिस में सिपाही बनने का ख्वाब लिए कार चोरी के आरोप में जेल चला गया। वहीं, सत्यानंद के साथ रहकर क्लर्क बनने की परीक्षा की तैयारी करने वाला अनंत कुमार भी इसी आरोप में पकड़ा गया है। सत्यानंद स्नातक पास है, तो अनंत इंटरमीडिएट तक पढ़ा है। अनंत इससे पहले भी मोबाइल चोरी के आरोप में जेल जा चुका है।
गोरखपुर जनपद के गगहा क्षेत्र के रियाब गांव निवासी सत्यानंद भारती के पिता चंद्रशेखर खेती करते हैं। दो भाई और दो बहनों में सत्यानंद सबसे बड़ा है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए वह गोरखपुर के नौसड़ में किराए का कमरा लेकर रहता है। कमरे में उसके साथ गोरखपुर के गोला बाजार क्षेत्र के मठिया निवासी 24 वर्षीय अनंत कुमार निषाद भी रहता है। अनंत कुमार के तीन भाई और दो बहन हैं। पिता त्रिपुरारी निषाद मजदूरी करते हैं। अनंत कुमार इंटरमीडिएट तक पढ़ा है और क्लर्क आदि की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है।
कार चोरी के आरोप में पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद दोनों ने पुलिस को बताया कि महंगाई के हिसाब से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लोगों को कार से चलते, अच्छे कपड़े पहनते और महंगे मोबाइल फोन चलाते देखकर हमें भी इनके इस्तेमाल की ललक पैदा हो गई, लेकिन इन्हें हासिल करने की हैसियत हमारी नहीं थी। एक दिन दोनों ने कार चोरी की साजिश रच डाली। खलीलाबाद पहुंच कर किराए पर कार बुक की। चालक को चाय में नींद की गोली पिलाकर बेहोश किए और कार लेकर चले गए। बेचने की फिराक में दोनों पकड़े गए।
कोतवाल सर्वेश राय ने बताया कि पूछताछ में सत्यानंद ने बताया कि वह बिहार पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए शारीरिक व लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर चुका है। केवल साक्षात्कार बाकी है। कोतवाल ने बताया कि सत्यानंद का पहला अपराध है, जबकि अनंत मोबाइल चोरी में जेल जा चुका है। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।