सांसद बोले जनप्रतिनिधियों की जबान बंद है, सुझाव दोगे कोई मानेगा नहीं जायदा बोलोगे बागी कहलाओगे

in #sansad2 years ago

भाजपा सांसद बोले जनप्रतिनिधियों की जबान बंद है, सुझाव दोगे कोई मानेगा नहीं जायदा बोलोगे बागी कहलाओगे
IMG_20221014_171647.jpg
गोंडा बाढ़ पीड़ित भगवान भरोसे हैं। जनप्रतिनिधियों की जुबान बंद है। सिर्फ सुनना है। बोलना नहीं है। सुझाव दोगे कोई मानेगा नहीं जायदा बोलोगे बाग़ी कहलाओगे। यह दर्द किसी और का नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी से कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह का है।

जिले के तीन तहसीलों के करीब 128 गांव की लाखों आबादी बाढ़ की चपेट में है। नवाबगंज स्थित अपने घर विश्नोहर पुर से सांसद को निकलने के लिए ट्रैक्टर ट्राली का सहारा लेना पड़ता है। ट्रैक्टर पर सवार होकर निकले कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह से जब मीडिया द्वारा सवाल किया गया। तो गम और गुस्से के बीच उनका दर्द छलक ही गया।

उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी होती थी। बाढ़ से पहले एक तैयारी बैठक होती थी। मुझे नहीं लग रहा है कि कोई तैयारी बैठक हुई है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के बारे में हमसे मत पूछो। हम कुछ कहना नहीं चाहते हैं। बाढ़ पीड़ित भगवान भरोसे हैं। अपने जीवन में 1984 व 2008 के बाढ़ की विभीषिका को हमने देखा है। इस बार उससे भी ज्यादा 2 फीट पानी ऊपर बह रहा है। इसलिए ट्रैक्टर के अलावा सभी साधन बंद हैं। आज कई दिन से हम लोग ट्रैक्टर से ही निकल रहे हैं। क्योंकि ट्रैक्टर मोटरसाइकिल या अन्य गाड़ियां चलना संभव नहीं है। जब उनसे कहा गया कि जिला प्रशासन दावा कर रहा है। कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 228 नाव लगाई गई हैं। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की जा रही है। इस पर उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के बारे में हमसे कुछ मत पूछो कहा कि पहले कोई भी सरकार होती थी बाढ़ से पहले एक तैयारी बैठक होती थी। हमको नहीं लगता कि कोई तैयारी बैठक हुई है। भगवान के भरोसे लोग हैं। लोग इंतजार कर रहे हैं कि कब पानी कम होगा, और हमारी तकलीफ समाप्त होगी। हमने अपने जीवन में बाढ़ के प्रति इतना खराब इंतजाम कभी नहीं देखा। अफसोस यह है कि हम लोग रो भी नहीं सकते हैं। अपने भाव को व्यक्त भी नहीं कर सकते। कहा कि कुछ महिलाएं बुजुर्ग हैं। जो चल नहीं सकते है। क्योंकि पानी का करंट भी ज्यादा था। वह उस पर मजबूरन किसी तरह चल रहे। और भगवान के व्यवस्था का इंतजार कर रहे हैं। जब मीडिया द्वारा उनसे सवाल किया गया कि क्या जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों से सलाह नहीं ले रहा है, तो उन्होंने कहा कि अब सलाह लेने का समय नहीं है। सलाह का समय बाढ़ आने के पहले होता है, जब उनसे कहा गया कि इसका मतलब इन दुश्वारियां की जानकारी सूबे के मुखिया तक नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने कहा कि मेरे मुंख से मत कुछ कहलवायऐ। मैंने अपने जीवन में ऐसी बदइंतजामी नहीं देखा।

अपने घर जाने के लिए सांसद को लेना पड़ा रहा ट्रैक्टर ट्राली का सहारा

बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे नवाबगंज विकास के ग्राम विश्नोहर में स्थित अपने घर को जाने के भाजपा सांसद कैसरगंज बृज भूषण शरण सिंह को ट्रैक्टर ट्रॉली का सहारा लेना पड़ा। इससे आम आदमी की परेशानी कितनी बड़ी है इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।