डिगरोता की बहू पूनम सबसे शिक्षित सरपंच बनीं

in #rohtak2 years ago

नारनौल। गांव डिगरोता की बहू पूनम शर्मा जिले की सबसे शिक्षित सरपंच चुनी गई हैं। उन्होंने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग (एमटेक) किया है। वर्तमान में वे हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 153 मतों से हराया है।

पूनम शर्मा ने बताया कि वे जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगी। गांव के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। गांव का विकास जींद के मॉडल गांव बीबीपुर की तर्ज पर विकास करवाएंगी। उन्होंने बताया कि अक्सर महिलाएं सरपंच तो बन जाती हैं लेकिन उनका काम कोई और करता है। महिला सरपंच स्टांप बनकर रह जाती हैं। अगर महिलाएं जब तक स्वयं नेतृत्व नहीं करेंगी तो सशक्त कैसे होंगी। बताया कि वे पति, बुजुर्गों तथा गांव के लोगों से अनुभव अवश्य साझा करेंगी लेकिन निर्णय स्वयं ही लेंगी। विकास कार्यों को लेकर पंचों की सहमति भी बनी रहेगी।

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गांव का नेतृत्व करना था सपना:

पूनम ने बताया कि लोगों से मिलना- झुलना शुरू से ही रहा है। उसका सपना रहा है कि वह किसी गांव या सामाजिक संस्था का नेतृत्व करें। अब उसको वह मौका मिल गया है लेकिन वो गांव का सरपंच नहीं बल्कि गांव की सेविका के रूप में काम करेंगी। गांव की बेटियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करेंगी। महिलाओं के लिए घूमने फिरने के लिए एक पार्क भी बनाया जाएगा। अंदर ट्रैक तथा झूलों की व्यवस्था भी होगी। आंगनबाड़ियों को भी नया रूप दिया जाएगा।
पूनम ने बताया कि वे गांव का विकास करवाकर उसकी सूरत बदल देंगी और गांव को मॉडल रूप देंगी। गांव के अंदर पार्क, बच्चों के लिए झूले, व्यायामशाला, सीवर व्यवस्था, टूटी सड़कों की मरम्मत कराने के साथ ही नई सड़कें बनवाएंगी। जगह-जगह कूड़ेदान भी लगवाए जाएंगे। स्कूल में अध्यापकों की कमी है तो वो भी सरकार से मांग कर पूरी करवाई जाएगी।

परिवार का मिला पूरा सहयोग..

पूनम शर्मा ने बताया कि गांव की सीट महिला के लिए आरक्षित थी। उन्होंने पति डॉ. अभिषेक शर्मा से इच्छा जताई कि वे चुनाव लड़ना चाहेंगी। इसके बाद ग्रामीणों ने भी कहा कि आप पढ़ी लिखी एवं सक्षम हैं। फिर मेरा भी गांव की सेविका के रूप में काम करने सपना था। इस दौरान पति, सास, ससुर, चाचा ससुर योगेश शास्त्री ने उनका पूरा सपोर्ट और मार्गदर्शन भी किया। उसने बताया कि उन्होंने हर पहलू पर विचार कर चुनाव लड़ने का फैसला किया था।

जिले में 166 महिलाएं संभालेंगी चौधर

जिले के अंदर 340 गांवों में से 166 गांवों में महिलाएं चौधर संभालेंगी। इनमें 27 महिलाओं ने स्नातक किया हुआ जिनमें तीन ने स्नातकोत्तर किया है। गांव डिगरोता की पूनम शर्मा ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (एमटेक), गणियार गांव की सनिता और दुबलाना से आशा रानी ने स्नातकोत्तर किया हुआ है। इसके अलावा शेष नव निर्वाचित महिला सरपंच आठवीं, दसवीं तथा 12वीं तक पढ़ाई की हुई है।