संविदा बनाम स्थायी

in #rajnitik2 years ago

यह बात सही है कि जो व्यक्ति जो चाहता है, वह उसे नहीं मिलता। देश का नौजवान चाहता है कि उसे संविदा नहीं स्थायी वाली चाहिए तो उसे संविदा भेंट की जा रही है और उधर हमाए आडवाणी जी अपनी स्थायी वाली से परेशान हैं, तो उन्हें वही ही मिल रही है।  उन्हें मार्गदर्शक मंडल में ताउम्र नियुक्ति मिल गयी। यही नियति है।