CWG गोल्ड मेडलिस्ट अचिंता की कहानी:पेट पालने के लिए खुद करते थे मजदूरी

in #punjab2 years ago

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में रविवार रात देश को तीसरा गोल्ड दिलाने वाले वेटलिफ्टर अचिंता शेउली (73 KG) ने अपनी सफलता का श्रेय बड़े भाई आलोक, मां पूर्णिमा और कोच को दिया है। हुगली के रहने वाले अचिंता के सपने पूरे करने के लिए उनके बड़े भाई आलोक ने अपने सपने बीच में ही छोड़ दिए।
अचिंता ने भाई को ही देखकर 2011 में वेटलिफ्टिंग शुरू की थी, लेकिन 2013 में पिता का देहांत हो गया। तंगी इतनी थी कि पिता के अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे। मां के लिए दोनों बेटों की डाइट का इंतजाम करना मुश्किल होने लगा। तब अचिंता के बड़े भाई ने अपने करियर का बलिदान देने का फैसला किया। आलोक ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में अपने संघर्ष की कहानी बताई।