डाईट प्राचार्य को सेवानिवृति पर दी विदाई

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डॉ. रश्मि शिक्षा के क्षेत्र में किए अनुकरणीय कार्य

राष्ट्रपति व राज्य स्तरीय पुरूस्कार से सम्मानित डाईट प्राचार्य डॉ. रश्मि सेवानिवृत

मंडला. राष्ट्रपति एवं राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित डाइट प्राचार्य डॉ. रश्मि बाजपेयी शासकीय सेवा से सेवानिवृति हुई। डॉ. वाजपेयी ने विभिन्न पदों पर रहते हुए 40 वर्षों तक शैक्षणिक कार्य संपादित किया है। इन्हें सेवा के दौरान एनसीसी अधिकारी के रुप में गोल्ड मैडल, एक्सीसेंट लेडी अवार्ड, एयर इंडिया बोल्ट अवार्ड, सर्वश्रेष्ठ युवा सम्मान (नेहरू युवा केन्द्र) भी प्राप्त हुए। सेवानिवृत्ति के अवसर पर डाईट सभाकक्ष में विदाई समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर हर्षिका सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता बर्वे सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं डाईट के सहकर्मियों ने डॉ. वाजपेयी को उनके भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने कहा कि डॉ रश्मि वाजपेयी ने विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुये शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है। इन्हें जो भी जिम्मेदारियां प्रदान की गई हैं उनका बखूबी निर्वहन किया है। जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता वर्बे ने कहा कि डॉ रश्मि बाजपेयी द्वारा किये गये कार्य शिक्षकों को नवाचार करने के लिये प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर डाइट के पूर्व प्राचार्य केएस सैयाम, प्रवीर तिवारी, अभिलाष तिवारी, वेदगुप्ता, राजेश जयसवाल, हरिकेश दुबे ने भी अपने संबोधन में डॉ वाजपेयी की कार्यशैली की सराहना की।
बता दे कि डॉ. रश्मि वाजपेयी ने शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम स्थापित किया है। साथ ही समसामयिक विषयों पर उनके शोधपत्र प्रकाशित होते रहे हैं। नवीन शिक्षा नीति के निर्धारण में भी आपने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उनके द्वारा लिखित पुस्तकें पाठ्यक्रम में सम्मिलित की गई है। शिक्षा की एसटीईएएम स्टीम योजना में उनकी सक्रिय सहभागिता रही है। डॉ. बाजपेयी पीडि़त मानवता की सेवा हेतु रोटरी क्लब मंडला मैकल में सत्र 2019 अध्यक्ष पद पर रहते हुए उनके कार्यकाल में मेगा नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का सफल आयोजन हुआ जो मंडला रोटरी क्लब के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया। डॉ. बाजपेयी ने शिक्षा, साहित्य, संस्कृति एवं स्वास्थ्य के लिये अपने शासकीय सेवा में रहते उसे सहजता व सरलता से अनेक महत्वपूर्ण योगदान दिया है जो शिक्षकीय जीवन के लिये अनुकरणीय है। उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में शोध प्रभारी के रूप में क्रियात्मक शोध द्वारा नई दिशा व दशा में व्यवहारिक परिवर्तन सम्पादित किया गया।
सेवानिवृत्ति के अवसर पर डॉ. रश्मि वाजपेयी ने कहा कि वे अपनी अपूर्ण पुस्तकों को पूर्णता प्रदान करेगी। साथ ही क्षेत्रीय शिक्षा सम्बंधी संस्थानों में निर्देशन एवं परामर्शदात्री समिति में सहभागिता करेंगी। उन्होंने कहा है कि शिक्षकों, अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को वर्तमान में होने वाले डिप्रेशन तनाव, स्ट्रेस, परीक्षा डर फोबिया के निदान की दिशा में कार्य करेंगी। विद्यार्थियों द्वारा असफल होने पर आत्महत्या जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सघन जागरुकता अभियान और परामर्श द्वारा बच्चों और माता-पिता को राहत प्रदान करने की मंशा पर कार्य करेंगी। साथ ही वर्तमान परिवेश में सफल मार्गदर्शन के अभाव में भटकने वाले युवाओं को कैरियर गाईडेंस देने एवं विषय चयन की समझ को विकसित करने के साथ उनके सुखद भविष्य की सही परिणामपरक नींव रखने का प्रयास करेगी।