अमेठी से फिर चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी, मतदाताओं के लगातार संपर्क में है टीम

in #politics2 years ago

UP : वे यहां के लोगों से न सिर्फ लगातार संवाद कर रहे हैं, बल्कि अब भी पार्टी के भीतर सांगठनिक चुनाव के लिहाज से अमेठी का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। हाल ही में उनकी टीम के लोगों की भी यहां सक्रियता बढ़ी है, जो स्थानीय मतदाताओं को गांधी परिवार से उनके पुराने रिश्तों की याद दिला रहे हैं।कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अमेठी से फिर चुनाव लड़ सकते हैं। वे यहां के लोगों से न सिर्फ लगातार संवाद कर रहे हैं, बल्कि अब भी पार्टी के भीतर सांगठनिक चुनाव के लिहाज से अमेठी का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। हाल ही में उनकी टीम के लोगों की भी यहां सक्रियता बढ़ी है, जो स्थानीय मतदाताओं को गांधी परिवार से उनके पुराने रिश्तों की याद दिला रहे हैं।

वर्तमान में वायनाड (केरल) से सांसद राहुल गांधी ने जब सक्रिय राजनीति में कदम रखा, तब 2004 में पहला चुनाव अमेठी से ही लड़ा। वे यहां से 2014 तक तीन बार लोकसभा सदस्य चुने गए, लेकिन 2022 में भाजपा से हार गए। हारने के तत्काल बाद वे अमेठी आए थे और तब भी यहां के लोगों का साथ न छोड़ने का भरोसा दिया था। विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने यूपी में वाराणसी के अलावा अमेठी में ही प्रचार किया था। अमेठी के युवाओं को रोजगार दिलाने में उनकी मदद किसी से छिपी नहीं है। यह सिलसिला आज तक जारी है।कुछ समय पहले राहुल को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अमेठी जिले के कोटे से ही सदस्य बनाया गया। हाल ही में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में उन्होंने यहीं के प्रतिनिधि के रूप में वोट डाला। वे उन 157 लोगों में शामिल थे, जिन्हें भारत जोड़ो यात्रा के रूट पर ही अध्यक्ष के चुनाव में वोट डालने की अनुमति दी गई। आम तौर पर इस अति महत्वपूर्ण सांगठनिक चुनाव में मतदाता उसी प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में वोट डाल सकता है, जहां से वह मतदाता होता है।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी की टीम बहुत ही खामोशी से अमेठी संसदीय क्षेत्र में संवाद कर रही है। जहां जरूरी होता है, वहां राहुल गांधी भी फोन या अन्य माध्यमों से यहां के लोगों से बातचीत करते रहते हैं। यही वजह है कि अमेठी के कांग्रेस पदाधिकारियों के मतभेदों को शांत करने में संगठन विशेष रुचि ले रहा है। उन्हें समझाया जा रहा है कि यह आपस में संघर्ष का नहीं, बल्कि भविष्य को ध्यान में रखकर कदम उठाने की जरूरत है।वरिष्ठ नेताओं से भी कहा गया है कि वे अमेठी के मामलों में बहुत ही सोच-समझकर बयान या दखल दें। कांग्रेस के एक नेता ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि जिस तरह से अमेठी को लेकर संगठन में रणनीति बनाई जा रही है, उससे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के यहां से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है।वरिष्ठ नेताओं से भी कहा गया है कि वे अमेठी के मामलों में बहुत ही सोच-समझकर बयान या दखल दें। कांग्रेस के एक नेता ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि जिस तरह से अमेठी को लेकर संगठन में रणनीति बनाई जा रही है, उससे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के यहां से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है।rahul-gandhi_1667230542.jpeg