द्रौपदी मुर्मू के सामने विपक्ष की एकता कैसे बिखरती गई

in #politics2 years ago

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ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को एलान किया है कि वो राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे.

उत्तर प्रदेश विधानसभा में ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6 विधायक हैं.

विधानसभा चुनाव में उन्होंने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया था. वैसे अखिलेश यादव इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं पर अपने चुनावी गठबंधन के साथियों को वो राष्ट्रपति चुनाव में एकजुट नहीं रख पाए.

यहाँ ये भी ग़ौरतलब है कि अखिलेश के लिए उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करने भी ममता बनर्जी गई थीं.

राजभर से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के समर्थन का एलान किया है. ग़ौरतलब है कि झारखंड में जेएमएम कांग्रेस के साथ सरकार चला रही है.
महाराष्ट्र में भी शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के समर्थन का एलान कर दिया है. वहाँ उद्धव ठाकरे पिछले महीने तक कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिल कर सरकार चला रहे थे.

इस तरह एक एक कर विपक्ष के कुनबे से राष्ट्रपति पद के उनके संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लिए बुरी ख़बरें आ रही हैं.

इससे पहले ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी को लेकर कहा था, ''अगर हमें बीजेपी की उम्मीदवार के बारे में पहले सुझाव मिला होता, तो इस पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा कर सकते थे. बीजेपी ने हमसे संपर्क किया था, लेकिन उम्मीदवार के बारे में नहीं बताया था.''

यहाँ ये भी अहम है कि ममता बनर्जी ने ही विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा का नाम सुझाया था. यशवंत सिन्हा उनकी पार्टी के ही सदस्य थे और इस्तीफ़ा देकर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए नामांकन भरा.

ख़बरों के मुताबिक़, यशवंत सिन्हा को पश्चिम बंगाल में प्रचार करने से भी ममता बनर्जी ने मना किया है. उन्होंने यशवंत सिन्हा को भरोसा दिलाया है कि टीएमसी के सभी वोट उन्हें ही मिलेंगे.

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