नदी में बह गए सीमेंट के पोल, बाढ़ का खतरा ज्यादा

in #nnmedia2 years ago

उत्तर प्रदेश सिद्धार्थनगर - बढ़नी ब्लॉक के खैरी शीतल प्रसाद और टीकर करौता टोलों के बीच घोरही नदी की कटान को रोकने के लिए सिंचाई विभाग का अस्थाई उपाय फिर विफल हो गया। नदी के बहाव की धारा मोडने के लिए लगाए गए सीमेंट के पोल नदी की तेज धारा में बह गए और नदी पुन: तेजी से कटान कर रही है। ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग के अस्थाई उपाय को नाकाफी बताया व शासन से स्थाई उपाय की मांग की है। शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र की खैरी शीतल प्रसाद ग्राम पंचायत के टीकर करौता टोले के बीच बह रही घोरही नदी का जलस्तर पुन: बढ़ने के बाद नदी तेजी से कटान कर रही है। नदी के तेज बहाव ने सिंचाई विभाग की ओर से 150 मीटर में लगाए गए लगभग 140 सीमेंट के पोल बह गए। पोल को सिंचाई विभाग ने नदी की धारा को मोड़ने के लिए लगाया था।
सूत्रों के मुताबिक, सिंचाई विभाग नदी के कटान को रोकने के लिए अपने स्तर से काफी प्रयास कर रहा है। लेकिन, सिंचाई विभाग की ओर से किए जा रहे अस्थाई उपाय विफल साबित हो रहे हैं। इसके पहले विभाग ने उसी जगह पर 300 मीटर की लंबाई में लगभग 23 लाख रुपये की लागत से बोरियों में बालू भरकर कटान रोकने का प्रयास किया था, लेकिन अगले ही दिन नदी के तेज बहाव से बोरियां बह गईं। ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग पर आरोप लगाया है कि जब बोरियां बह गई थीं, तब विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों पर बोरियों को रोकने के लिए लगाए गए बांस को उखाड़ने का आरोप लगाया था। अब जब सीमेंट के पतले पोल बह गए तो विभाग किस पर आरोप लगाएगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग सीमेंट के पतले पोलों को नदी में गाड़ कर नदी के बहाव की दिशा को बदलने का प्रयास कर रही है, जिसे तभी ग्रामीणों ने नाकाफी बताया था। ग्रामीण विनोद, पुजारी, जगराम, राम हरीश, राकेश यादव, राम सिंह, विजय सिंह आदि ने प्रशासन से मांग की कि नदी की कटान से बचाने के लिए स्थाई उपाय किए जाएं।IMG_20220901_132918.jpgइस संबंध में सिंचाई विभाग के एई सादिक अली ने बताया कि नदी के तेज बहाव में सीमेंट के पोल बह गए हैं। वे स्वयं बुधवार की सुबह मौके पर गए थे, उच्चाधिकारियों को सूचना दे दी गई है। अब जो उनका निर्देश होगा, वह किया जाएगा।