सृष्टि बेटी बिना अधूरी है ,

in #news2 years ago

सृष्टि बेटी बिना अधूरी है , सच तो यह है पृथ्वी का आधार या मानक बेटी है। एक वैज्ञानिक सत्य है - अगर किसी कारण इस संसार से सभी स्त्रियां खत्म हो जाय तो सृष्टि खत्म हो जायेगी वहीं अगर सारे पुरुष खत्म हो जायें तब भी सृष्टि अनवरत चलती रहेगी क्योंकि पुरुष विहीन दिवस को 3.2 प्रतिशत स्त्रियां गर्भवती होंगी , और सृष्टि के सुचारू रूप चलने में कोई बाधा नहीं होगी । आज की मेरी सारी भावना फिर से बेटी द्रौपदी के महामहिम होने के उपलक्ष्य में , मैं चार बेटियों के पिता के तरफ से अवकाश ग्रहण करने के समय - समस्त बेटियों को समर्पित करता हूं ।
# # बेटियां # #
पांवों में रुनझुन पायल हो
हाथों महिषा मर्दिनी का बल हो
अबला ना वो सबल हो
बेटी मेरे घर जो कल हो
वीणा उसके कर कमलों में हो
खनक चमकता खड्ग भी हो
हुंकार करे जग डगमग डोले
मिश्रित वाणी मधु सा बोले
साम्भवी सा तेजो बल वो पाये
तनया प्रिया धरा पर कहलाये
सहनशीलता वो तितिक्षा हो
बेटी घर घर चंन्द्रिचा ही हो
घर घर की राधारानी हो
अनुसुइया सी दिवानी हो
वृन्दा समान हर आंगन में
विष्णु समाये जिस आंचल में
बेटी हो तो हाडा रानी हो
हर जौहर की एक कहानी हो
विष थामे मीरा रानी हो
कान्हा संग एक रवानी हो
शुम्भ निशुंभ का दमन करे
रक्त बीज को खुद से दफ़न करे
अष्टभुजा आलौकिक रहम करे
दुनिया जिसको नमन करे
श्यामल रुप चांद सा शोभे
जनक जानकी घर घर होवे
विरल रुप अविरल छवि पावे
प्रभु ऐसी बेटी घर घर आवे
कुंकुम बिन्दी कन्गना बाजे
तेजो बल माथे पर साजे
चन्द्रयान से गगन लोक तक
बिटिया घर की सबसे आगे
परख नली में लाई दुर्गा अवतार
बेटी बेटी को लाई इस संसार
बेटी ने ही बेटी का करतब दिखा दिया
बेटी से ही प्रभु ने संसार बसा दिया
हर युग में द्रौपदी बेटी हो
चाह पीयूष की गर बेटी हो
महाभारत से अखंड भारत में
प्रभु एक ज़रूर ही बेटी हो।

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