संस्कृति विभाग का आयोजन, चित्र प्रदर्शनी भी लगाई, नैनपुर:- जिला मंडला
नैनपुर:- मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की जीवंत लीलाओं के नाट्य मंचन ने नगर को आत्मविभोर कर दिया। श्रीराम कथा में वर्णित वनवासी चरित्रों पर आधारित भक्तिमती शबरी एवं निषाद राज गुहा की लीला नाट्य प्रस्तुतियों में देखने मिली । साथ ही वनवासी लीला नाट्यों की पटकथा पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का प्रदर्शन भी किया गया। संस्कृति विभाग के द्वारा इस तरह का संयोजन प्रदेश के 89 जनजातीय विकासखण्डों में किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत नैनपुर में वनवासी लीला का नाटक मंचन जबलपुर और कटनी के रंग कर्मियों के द्वारा किया गया। उत्कृष्ट विद्यालय प्रांगण नैनपुर में समाजसेवी विकास शुक्ला और पार्षद सुनील विश्वकर्मा के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर इसका शुभारंभ हुआ । मप्र शासन संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से दो दिवसीय वनवासी लीला में भगवान श्रीराम के चरित्र में समाज में समानता का सात्विक संदेश छिपा हुआ था। आयोजन को देखने क्षेत्र समेत आसपास के लोग पहुंचे वनवासी लीला नाटक मंचन की पहली प्रस्तुति भक्तिमती शबरी पर आधारित रही। जिसमें बताया गया कि स्वयं प्रभु ने एक भीलनी के जूठे बेर खाकर किस तरह से समाज मे ऊंच नीच को पाटने का सार्थक प्रयास किया। जिसमें संगीत मिलिन्द त्रिवेदी मुम्बई और पटकथा योगेश त्रिपाठी रीवा का रहा। इस मंचन के रंगकर्मी जबलपुर से थे। 1 जबकि वनवासी लीला मंचन के दूसरे दिवस निषाद राज गुहा के प्रेरक प्रसंग में केवट संवाद के माध्यम से शोषित समाज के व्यक्ति को भगवान द्वारा दिया जाने वाले बराबरी के दर्जे को प्रधानता दी गई। जिसका मंचन योगेश तिवारी कटनी ने किया था । जबकि इसके रंगकर्मी कटनी के ही कलाकार थे। जिसके साक्षी बनने जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम नैनपुर पहुंचे थे। इन दोनों ही प्रस्तुतियो का आलेख योगेश त्रिपाठी एवं संगीत संयोजन मिलिन्द त्रिवेदी मुम्बई के द्वारा किया गया था। यह पहला अवसर था जब संस्कृति विभाग के इस सांस्कृतिक मंचन में श्रीराम के जीवन चरित्र का वनवासी प्रेम परिलक्षित हुआ। भव्य मंच और सतरंगी रोशनी से सराबोर यह आयोजन रंगकर्मियों की जीवंत कला से हृदय स्पर्शी था।
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