पीएससी को लेकर घोषणा के तरीके से नाराज भाजपा और अभाविप वाले

in #mp2 years ago

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मप्र लोकसेवा आयोग (पीएससी) की अटकी परीक्षाओं, रिजल्ट और प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने का लिखित आश्वासन सोमवार को आखिरकार मिल गया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की ओर से भी आयु सीमा में राहत देने की घोषणा कर दी गई। लंबे समय से अटकी परीक्षाओं के आगे बढ़ने और राहत से अभ्यर्थी खुश हैं। हालांकि, भाजपा के अनुषांगिक संगठनों की त्यौरियां घोषणा के तरीके से चढ़ गई है। मामले में संगठन में शिकायत की जा रही है।

दरअसल, सोमवार को एमपीपीएससी के इंदौर स्थित मुख्यालय के बाहर युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारी कांग्रेसी पीएससी की अटकी परीक्षाओं को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे। पीएससी के अधिकारियों ने कांग्रेस के पदाधिकारियों को लिखित में आश्वासन दे दिया कि प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। इससे पहले इन्हीं मांगों को लेकर पीएससी के अभ्यर्थी अगस्त में विशाल प्रदर्शन कर चुके थे। 11 सितंबर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री घनश्याम सिंह, नगर मंत्री लक्की अदिवाल और लक्ष्यजीतसिंह राठौर के साथ अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से एयरपोर्ट पर मुलाकात भी की थी।

मुख्यमंत्री के रुख से हुई थी निराशा - अभाविप के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने कृषि कालेज की जमीन के अधिगृहण का मुद्दा उठाया था, साथ ही पीएससी के मुद्दे को हल करवाने की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री ने कृषि कालेज की जमीन को अधिगृहित नहीं करने का आश्वासन तो दे दिया लेकिन पीएससी के मामलों पर कुछ भी नहीं कहा। मुख्यमंत्री के रुख से अभाविप वाले निराश थे। इस बीच संघ के जरिए अभाविप लगातार पीएससी के अधिकारियों से भी चर्चा में लगा था कि अटकी प्रक्रियाओं को शुरू करने और आरक्षण पर बीच का रास्ता निकालकर परीक्षाएं घोषित कर दी जाए। अभाविप और संघ वालों के सामने आयोग की ओर से किसी तरह की घोषणा नहीं की गई। सोमवार को कांग्रेसी पीएससी मुख्यालय पहुंचे तो पीएससी ने लिखित में सारे आश्वासन उन्हें थमा दिए। भोपाल से भी मुख्यमंत्री के ट्वीट ने कांग्रेस को श्रेय लेने का मौका दे दिया। पीएससी और भोपाल के रवैये से नाराज अभाविप ने मामले में संघ तक भी शिकायत कर दी है।