किताबों को अपना दोस्त बनाइये : डाॅ.नौसाद

in #mp2 years ago

20221121_174515.jpgटीकमगढ़। जो लोग अपनी किस्मत से ज्यादा अपनी मेहनत पर भरोषा करते है वो एक न एक दिन सितारों की तरह जरूर चमकते है।
हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के राठ की तंग बस्ती पठनऊ मुहल्ले में 10 फरवरी 1986 में जन्में युएसए वाशिंगटन में पदस्थ सीनियर साईटिस्ट डाॅ. नौसाद मुहम्मद की, जो अपने एक रिश्तेदार के यहां शादी समारोह में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ आये हुए थे। सीनियर साईंटिस्ट डाॅ.नौसाद मुहम्मद से हुई एक मुलाकात में उन्होंने बताया कि उनकी प्राथमिक शिक्षा चेतन्यदास उ.मा. विद्यालय, माध्यमिक शिक्षा जीआरबी इण्टरकाॅलेज, बीएससी ब्रहमाना डिग्री काॅलेज एवं एमएससी जामिया हमदर्द युनिवर्सिटी नई दिल्ली से उच्च शिक्षा हासिल की।डाॅ. नौसाद ने वर्ष 2009 में जूनियर रिसर्च फाॅलोसिप में आॅल इण्डिया स्तर पर 82 रेन्क हासिल कर न सिर्फ परिवार, बल्कि क्षेत्र का नाम भी रोशन किया। राष्ट्रीय शिक्षा विज्ञान केन्द्र पूना महाराष्ट्र से डाॅ. मनोज कुमार भट्ट के गाइडेंस में लीवर, स्कीन केंसर विषय पर शोध कर वर्ष 2010 में पीएचडी की उपाधि से नवाजे गये। वर्ष 2015 में यूएसए के सेन्ट ल्यूस युनिवर्सिटी में सिलेक्ट होकर आज विश्व पटल पर देश का नाम ऊंचा कर रहे है। एक सबाल के जवाब में डाॅ. नौसाद ने कहा कि प्रतिभाएं बहुत है हमारे देश में पर उन्हें उचित स्थान नहीं मिलता है जबकि फोरेन कंट्री इस मामले में कतई चूकती नहीं है इसलिए हमारे देश के कई वैज्ञानिक विदेशों में है। शिक्षित युवाओं के लिए डाॅ. नौसाद का मानना है कि शिक्षा को शिक्षा की तरह चाहिए पहले काबिल बनाना है तभी दुनिया में आप सब कुछ हासिल कर सकते हैं। और अंत में डाॅ. नौसाद ने अपने संदेश में कहा कि कामयाब होने के लिए नहीं बल्कि काबिल होने के लिए पढ़िये, कामयाबी आपके पीछे-पीछे आयेगी। इसलिए किताबों को अपना दोस्त बनाईयें। - @ एम.ए.खान अफसर टीकमगढ़