मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आयोजित हुआ कैम्प शिविर, 70 मरीजों का उपचार हुआ आयोजित कैम्प में

in #mirzapur2 years ago

IMG_20221014_172628.jpg

  • खाना खाते समय बच्चों को मोबाइल से रखें दूर।
    नित्यवार्ता डेस्क : विकास तिवारी
    मिर्जापुर। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अभियान के तहत नगर के मंडलीय चिकित्सालय में आयोजित कैम्प शिविर में 70 मरीजों का उपचार किया गया। इस आशय की जानकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर ए0के0 राय ने दी। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि जिले में 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी के तहत शुक्रवार को मंडलीय चिकित्सालय में कार्यक्रम की शुरूआत नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने की और आयोजित कैम्प में आने वाले 70 मरीजों का उपचार उपस्थित डॉक्टरों ने किया। इसके साथ ही सिटी क्लब स्थित हाल में नगरपालिका अध्यक्ष मनोज जयसवाल ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मानसिक स्वास्थ्य के विषय में विस्तारपूर्वक बताया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर यू0एन सिंह ने बताया कि मानसिक रोग होने का सबसे बड़ा कारण है कि हम सभी आपस में एक दूसरे को समय नही देते है और दूसरों के कार्यो की नकल मारते है जिसके कारण हम मानसिक रोगों के शिकार होते जा रहे है। अगर हम हमेशा प्रसन्न रहे और अपने कार्यो में व्यस्त रहे तो कभी भी मानसिक रोगों का शिकार नही होगे। इसके साथ ही खाना खाते समय बच्चे से लेकर मां बाप को भी मोबाइल से दूरी रखना चाहिए। इससे निश्चित रूप से दूसरे भी आपके कार्यो को देखेगे और मरीजों की संख्या में गिरावट आयेगी और हम सुखी रहेगे। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर वी0के0भारती ने बताया कि अत्यधिक नशा करना से दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति में गुस्सा चिड़चिड़ापन लड़ाई झगड़ा मारपीट घबराहट बेचैनी नींद की समस्याए स्वतः अजीब.अजीब आवाजें सुनाई पादन और शक व शंका बनी रहती है। व्यक्ति में अत्यधिक आक्रामकता और उन्माद भी इसके लक्षण हैं। नशे और मानसिक दोनों ही समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति सही इलाज से सही हो सकता है। नशे या मानसिक समस्या से ग्रस्त व्यक्ति मंडलीय जिला चिकित्सालय मिर्जापुर में कक्ष संख्या 124 में निःशुल्क परामर्श ले सकता है। इसके लिए विभाग के हेल्पलाइन 9451369522 पर भी संपर्क किया जा सकता है। मानसिक विभाग के मनोवैज्ञानिक राजेश यादव ने शिविर में आए मरीजों को काउंसलिंग करतें हुए लोगो को यह जानकारी दी कि नशे के लंबे समय तक सेवन करने से उनके सोचने समझने कि क्षमता प्रभावित होने लगती है साथ ही उनके दैनिक क्रिया कलाप और उनके व्यक्तित्व में परिवर्तन देखने को मिलता है। नशे से ग्रसित लोगो को नशे कि लगातार तलब होने लगती और तेज तलब होने पर यदि व्यक्ति को नशा नहीं मिल पाता तो उसमे बहुत सारी शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां देखी जा सकती है ऐसी समस्यायों में औषधियों के साथ साथ मनोवैज्ञानिक परामर्श बहुत ही आवश्यक भूमिका हो जाती है।