जिंदगी ले रही करवट
अनूपपुर जिले की ऐसी नदी जिसमें है शीप का भंडार
अनूपपुर। समुद्र में मिलने वाली शीप के अंदर मोती तैयार होता है। वही जिले की एक नदी में शीप काफी संख्या में तैयार हो रही है। मगर अवैध उत्खनन के चलते ये समय के पहले ही अपनी जान को गवा देते है।
शहडोल अनूपपुर जिले की सीमा में बह रहा कठना नाला में बीते 30 सालों से भी अधिक ज़िंदगी करवट ले रही है। मगर बदलते मौसम के बीच ये पानी में तैर रही ये जिन्दगी को आज भी सवारने की जरूरत है। ये वो जीव है जो पानी में अपनी जिन्दगी जी रहे है। प्रशासनिक स्तर पर अगर ध्यान दिया जाए तो ये ऊपज के तौर पर व्यापारिक लाभ भी लिया जा सकता है।
बैरहा गांव के रहने वाले लोगों की माने तो यहां कई सालो से कठना नदी में ये शीप का जीवन तैयार हो रहा है। मगर बदलते समय के साथ नदी में हो रहे अवैध उत्खनन के चलते यहां जीवन बहुत की कम समय के लिए रह पता है। गहरी नदी होने के चलते बारिश के दिनों में तो शीप में तैयार होते है मगर बदलते मौसम और पानी का भराव न होने के कारण कुछ समय के बाद ये शीप पक्षियों का शिकार बन जाते है।
अगर समय के साथ इनको संरक्षित किया जाए, जिससे पर्यटन के साथ व्यापार की भी संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। मगर प्रशानिक कमी के चलते इस पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
जिले की सीमा में बह रहे कठना नदी में सुनहरी रेत पर ये शीप लाखों की तादात में बिछे पड़े हुए है जो अपनी जिन्दगी कम ही जी पा रहे है। अवैध रूप से उठ रही रेत के चलते ये जिन्दगी मौत के आगोश में समाती जा रही है।
गांव के रहने वाले श्री निवास त्रिपाठी बताते है कि अवैध उत्खनन के चलते ये समय के पहले शीप मर जाते है। अगर इनका पाला जाए तो ये व्यापार के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।
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