कमिश्नरेट के गठन के तीसरे दिन भी नहीं हो सका अफसरों की तैनाती पर फैसला

in #lucknow2 years ago

प्रदेश के तीन जिलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के तीन दिन के बाद भी जिलों में अफसरों की तैनाती नहीं हो सकी। वरिष्ठ अफसरों और शीर्ष स्तर पर कई बार बैठक के बाद भी निर्णय नहीं हो सका कि किस अफसर को कहां तैनाती दी जाए। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ से अयोध्या ओर अयोध्या से गोरखपुर पहुंच गए। अब जो भी फैसला होगा मुख्यमंत्री के लौटने के बाद होगा।

सूत्रों का कहना है कि शीर्ष स्तर पर निर्णय नहीं लिया जा पा रहा है कि किस अफसर को कहां भेजा जाए। वहीं जिलों में पुलिस कमिश्नरेट के हिसाब से पदों के सृजन का प्रस्ताव भी अधर में लटका हुआ है। यह प्रस्ताव 25 नवंबर को ही शासन को भेज दिया गया था। शासन स्तर पर कैबिनेट में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के निर्णय के बाद उसकी अधिसूचना भी 26 नवंबर को जारी कर दी गई।
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इसका मतलब यह हुआ कि संबंधित जिलों में पुलिस से संबंधित अधिकतर मामलों में मजिस्ट्रेट का हस्तक्षेप समाप्त हो चुका है। ऐसे में आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में तैनात अफसर भी उहापोह में हैं कि उनकी अब क्या भूमिका है। पुलिस कप्तान प्रभारी पुलिस आयुक्त के रूप में काम करें या पूर्व की तरह काम करते रहें।

सूत्रों का कहना है कि नए पुलिस कमिश्नरेट में केवल तीन-तीन जोन के साथ डीसीपी के भी केवल तीन ही पद के सृजन का प्रस्ताव है। ऐसे में पूर्व में गठित पुलिस कमिश्नरेट में जोन के अतिरिक्त यातायात, अपराध, महिला सुरक्षा और प्रोटोकाल जैसे पदों के लिए अलग-अलग डीसीपी के पदों का सृजन किया गया था।