परिवहन विभाग की लापरवाही से जोखिम में आ रही यात्रियों की जान, .

in #jila2 years ago

सिवनी जिले की सड़काें पर सरपट दौड़ लगा रहे वाहन कब और किस समय लोगों की जिंदगी के लिए काल बनकर सामने आए जाए यह कहना बहुत मुश्किल है। क्योंकि दुर्घटना के बाद ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिससे यह साबित हो रहा है कि जिले की सड़कों पर कुछ गाड़ियां बगैर फिटनेस प्रमाण पत्र के दौड़ लगा रही है तो कुछ गाड़ी को पुरानी और जर्जर हालत में भी विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। दरअसल, सड़क पर चल रहे वाहनों को फिटनेस देने का काम परिवहन विभाग है। विभाग के अफसर तो सड़क पर दौड़ लगा रही गाड़ियों की नियमित रूप से जांच नहीं करते हैं और जर्जर पुराने वाहनों को फिटनेस का सर्टिफिकेट देने में लापरवाही बरतता है।दरअसल, यह सब पैसों का कमाल है। इसलिए विभाग आंख मूंदकर तमाशदीन बना रहता है। सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है और विभाग के अफसर मूकदर्शक बने हैं।

विभाग के पास वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र का आंकड़ा होने के बाद भी जांच नहीं कर रहा परिवहन विभाग

परिवहन कार्यालय के पास यह आंकड़ा है कि पूरे जिले में कितने वाहनों को प्रत्येक साल परिवहन कार्यालय से फिटनेस प्रमाण पत्र दिया जाता है, या इस साल और कितने और वाहनों को प्रमाण दिया जाएगा। जबकि इस आंकड़े को परिवहन कार्यालय को प्रत्येक साल सिर्फ इसलिए अपडेट करना है कि जिले में नए सिरेसाथ ही पुराने कितने वाहनों का परिचालन सही तरीके से किया जा रहा है। इसकी जानकारी परिवहन कार्यालय को ही प्रत्येक साल सुरक्षित रखना है। अब ऐसे में जब यह आंकड़ा परिवहन कार्यालय के पास है तो पुराने कितने वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र लेना है यह देख कर इन वाहनों की जांच क्यों नहीं की जाती।
जाहिर है कि जिले में अब भी बीमा, परमिट और फिटनेस फेल सवारी वाहन खुले तौर पर चलाए जा रहे है जो कहीं ना कहीं यात्रियों के जान से खिलवाड़ की तरह हैScreenshot_2022-11-22-15-38-38.png
यह काफी चौंकाने वाला तथ्य है।पूरे जिलें में 250 से अधिक सवारी वाहन दौड़ रहे हैं। इनमें बड़े सवारी वाहन बसों की संख्या लगभग 150 है। जबकि अन्य छोटे सवारी वाहन शामिल हैं। जानकारी के अनुसार नए वाहनों को एक बार