मैसूर के महावीर भवन में हुआ भगवान महावीर जन्म वांचन
मैसूर के महावीर भवन में हुआ भगवान महावीर जन्म वांचन
वीर झूले वीर झूले भजनों के साथ झुलाया पलना
मैसूर श्री सुमति नाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ में महावीर भवन में विराजित मुनि श्री तीर्थ तिलक विजय जी ने प्रवचन में बताया की प्रभु देवलोक में थे,परंतु देवलोक से बंधे नहीं थे । देवलोक से जब देवों का सेवन होता है तब उनकी पहनी हुई माला मुरझा जाती है । महावीर भवन में महावीर प्रभु का जन्म वाचन हुआ सिर्फ महावीर भवन में नहीं परंतु महावीर के भगत सेवक के हृदय में भी महावीर का जन्म हुआ । पूज्य गुरुदेव तीर्थ तिलक विजय जी महाराज साहब की पावन निश्रा में उनके पावन पगले से यह पर्यूषण का माहौल कुछ अलग ही अनोखा अविस्मरणीय अदित्य आनंद का वातावरण छा गया। शुभ चढ़ावे 14 स्वपन विगेरे की बोली भी हर साल से दो तीन गुना ज्यादा हुई गुरुदेव की प्रेरणा से और अष्टमंगल के चढ़ावे में भी साधारण की वृद्धि कर दी।। महावीर जन्म का पारणा का लाभ भंडारी फार्मा परिवार मरुधर में मांडवला निवासी ने लाभ लिया चतुर्विध संघ के साथ बाजते गाजते उनके निवास स्थान पधारे। वहां पर शाम की भक्ति सूमतीनाथ संगीत मंडल द्वारा की गई । इस अवसर पर सुमतिनाथ संघ के पदाधिकारी गण ट्रस्टी गण एवम काफी संख्या में श्रावक श्राविका मौजूद रहे।