तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य श्री महाश्रमणजी का 4 दिसंबर को बगड़ी आगमन।
बगडी नगर। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य श्री महाश्रमणजी का आगामी 4 दिसंबर को बगडी नगर में शुभागमन होगा।स्थानीय अणुव्रत समिति के मंत्री राजेंद्र पोकरना ने अधिकृत सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया कि आचार्य श्री महाश्रमणजी की यात्रा में आंशिक संशोधन हुआ हैं। वे छापर से चातुर्मास प्रवास संपन्न कर सुजानगढ, लाडनूं, डेगाना, मेडता व जैतारण होते हुए 4 दिसंबर को प्रातः साधु साध्वियों के संग बगडी नगर में मंगल प्रवेश करेंगे। उनका पहले 5 दिसंबर को यहां आगमन का कार्यक्रम निर्धारित था।आचार्य श्री महाश्रमणजी के बगडी नगर मे एक दिवसीय प्रवास को लेकर स्थानीय जैन समाज के लोगों में अपार उत्साह नजर आ रहा हैं।कस्बे में प्रवासी जैन बंधुओं के मकानों की मरम्मत और रंग रोगन के साथ ही साफ-सफाई का काम जोरों पर चल रहा हैं।तेरापंथ भवन व आचार्य भिक्षु संयम स्थल का नवीनीकरण कार्य सहित नए मकानों का भी निर्माण युद्ध स्तर पर हो रहा हैं।उधर चैन्नई, बैंगलोर, कोयंबटूर,हैदराबाद,मुंबई व रायपुर सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों मे प्रवासित बगडी के जैन समाज के लोगों ने अपनी मातृभूमि पर करीब एक दशक के लंबे अंतराल के बाद अपने गुरु के आगमन पर यहां पंहुचने की तैयारियां शुरु कर दी हैं। बडी संख्या मे प्रवासीगणों के यहां आने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं।यह उल्लेखनीय हैं कि तेरापंथ धर्मसंघ के इतिहास में बगडी नगर का विशिष्ट स्थान हैं।प्रथम आचार्य भिक्षु ने यहीं पर संयम जीवन की राह पकड़ी तो गृहस्थ जीवन की डोर भी यहीं थामी। इसके अलावा उन्होंने अभिनव धर्म क्रांति का सूत्रपात भी यहीं से किया जिसकी साक्षी वीर शिरोमणी जैतसिंहजी की छत्री आज भी विद्यमान हैं जिसका अवलोकन करने सुदूर क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का आवागमन वर्ष पर्यंत चलता रहता हैं।