उद्यानिकी विभाग ट्रैक्टर में ले गए सिंचाई उपकरण

in #irrigation2 years ago

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मण्डला निवास उद्यानिकी में कई दिनो पहले से किसानो को उपलब्ध कराने के लिए रखे सिंचाई उपकरण को दूसरे प्रभारी ने गायब करा दिया है। दोपहर को एक ट्रैक्टर ट्राली में सारे पाइप और स्प्रिंकलर सेट को कही और ठिकाने लगा दिया गया है। शिकायत के बाद जांच के लिए अफसर पहुंचते इसके पहले भी सिंचाई उपकरण को नर्सरी हटा कर कमीशन के मामले को दबाए जाने का प्रयास है। इसमें नर्सरी प्रभारी से लेकर सहायक संचालक उद्यानिकी की सांठगांठ उजागर हो रही है। इस ओर जिला कलेक्टर का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। बताया गया है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सिंचाई उपकरण स्प्रिंकलर सेट और ड्रिप सिस्टम पर सब्सिडी की योजना शुरू की गई। इसके तहत किसानो को अनुदान के लिए ऑन लाइन आवेदन करने थे। निवास उद्यानिकी में सिंचाई उपकरण के लिए करीब 147 किसानो ने इसके लिए आवेदन किए थे। जहां किसानो का लॉटरी में चयन किया जाना है। इस बार इतने कम आवेदन हुए थे कि निवास के सारे आवेदन स्वीकृत हो जाने है इसको लेकर देखते हुए उद्यान के प्रभारी बसंत उइके ने एक कंपनी विशेष की एजेंसी से पहले ही सिंचाई उपकरण बुलवाकर उद्यान (नर्सरी) में रखवा लिए थे लेकिन शासन स्तर से लॉटरी खोलने की देरी के चलते कमीशन का खेल उजागर हो गया है। शिकायत होने के बाद प्रभारी के द्वारा नर्सरी में रखे सिंचाई उपकरण को ट्रैक्टर ट्राली में लदवाकर गायब करा दिया है। आनन फानन या फिर किसी कहने से सिंचाई उपकरण को ठिकाने लगाने में देरी नहीं की गई है। इस मामले को उद्यानिकी के सहायक . संचालक के द्वारा भी गंभीरता नहीं लिया गया है। गत दिवस इस संबंध में जानकारी लेने पर उन्होने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बताया था और निवास में सिंचाई उपकरण पहले आने पर जानकारी लेने की बात कही थी। इसके बाद सिंचाई उपकरण ही गायब कर दिए गए है। जो कई सवाल खड़े कर रहा है।

बिना कार्बन की काटी जाती है रसीद

बताया गया है कि निवास नर्सरी में फल फूल के पौध या अन्य किस्म के विक्रय में भी कई सालो से गोलमाल किया जा रहा है। प्रभारी के द्वारा पौधे विक्रय करने पर रसीद बुक पर कार्बन नहीं लगाया जाता है। जो व्यक्ति पौधे लेना आता है उसे उतने का बिल दिया जाता है लेकिन बाद में कार्बन लगाकर कम राशि काबिल बना दिया जाता है। जिसे विभागीय कार्यवाही में दर्शाया जा सके।

अफसरों ने नहीं लिया संज्ञान

बताया गया है कि किसानो को अनुदान में सिंचाई उपकरण का गंभीर मामला सामने आने के बाद उद्यानिकी और प्रशासनिक अफसरो के द्वारा तुंरत संज्ञान भी नहीं लिया गया है। दूसरे दिन मौके पर अफसर पहुंचे है। खास बात यह है कि प्रभारी को अवसर दे दिया गया है कि नर्सरी से सिंचाई उपकरण अलग कर दिए जाए। पहले ही यही सिंचाई उपकरण को शासकीय बताया गया जो किसानो दिये जाने थे लेकिन शिकायत के बाद पूरा मामला ही उलट हो गया है। इस तरह उद्यानिकी में कमीशन का खेल चल रहा है।