श्रीनगर से पुलवामा शिफ्ट होगा बल का ट्रेनिंग सेंटर, आतंकियों के गढ़ में प्रशिक्षण

in #indian2 years ago

श्रीनगर के हमहामा स्थित केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' भर्ती प्रशिक्षण केंद्र 'आरटीसी' को पुलवामा के लेथपोरा में शिफ्ट करने को लेकर अफसरों के बीच टकराव के आसार बनते जा रहे हैं। अभी तक ये ट्रेनिंग सेंटर एक महफूज इलाके में रहा है। वहां कोई आतंकी हमला भी नहीं हुआ, जबकि पुलवामा को आतंकियों का गढ़ माना जाता है। साल 2019 के दौरान पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। अब वहीं पर ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करना, किसी बड़े जोखिम से कम नहीं है। देश की दूसरी यूनिटों से जिन अधिकारियों या जवानों ने यह सोचकर श्रीनगर के इस सेंटर पर तबादला कराया था कि वहां कुछ साल बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल जाएगी, अब उन्हें यह डर सता रहा है कि वे पुलवामा में कहां पर बच्चों को पढ़ाएंगे। लेथपोरा में न तो कोई बेहतर स्कूल है और न ही कोई मेडिकल सेंटर। कैडर अधिकारियों का आरोप है कि अभी तक इस सेंटर के ऑफिसर मैस एवं दूसरी सुविधाओं को डीआईजी स्तर के अफसर देखते रहे हैं। आईपीएस अधिकारी चाहते हैं कि ये सब उनके सीधे नियंत्रण में आ जाए। यहां पर उनका कार्यालय रहे। बाकी ट्रेनिंग सेंटर का काम 'पुलवामा' के लेथपोरा में चलता रहे।
आतंकियों के प्रभाव वाला इलाका
लेथपोरा में अभी सीआरपीएफ का जो सेंटर है, वहां कोई खास सुविधा नहीं है। वहां पर बल के उन जवानों की इंडक्शन ट्रेनिंग होती है, जिन्हें पहली बार कश्मीर में पोस्टिंग मिलती है। ये कोई रंगरूट नहीं होते, बल्कि फोर्स के अनुभवी जवान होते हैं। इनकी ट्रेनिंग महज डेढ़-दो माह की होती है। बल के पूर्व अधिकारी बताते हैं कि कम से कम ग्रुप सेंटर ऐसा तो हो जहां 5-6 यूनिटों के रहने एवं संसाधन मुहैया कराने की क्षमता हो। उसमें बल से संबंधित विभिन्न कार्यालयों के लिए पर्याप्त जगह हो। लेथपोरा सेंटर, इन मापदंडों पर खरा नहीं उतरता। वहां बल का कैंपस भी मुख्य सड़क से करीब तीन-चार किलोमीटर अंदर है। इसके लिए वहां हर समय आरओपी 'रोड ओपनिंग पार्टी' लगानी होगी। वह इलाका आतंकियों के प्रभाव वाला माना जाता है। वहां पर नए रिक्रूट को ट्रेनिंग देना जोखिम से भरा कदम होगा। दिसंबर 2017 में वहां पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। उस हमले में तीन आतंकी भी मारे गए थे।
सेंटर शिफ्ट करने के पीछे अफसरों का निजी स्वार्थ
सीआरपीएफ के पूर्व एडीजी एचआर सिंह कहते हैं, श्रीनगर में सीआरपीएफ का ये तीस साल पुराना ट्रेनिंग सेंटर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और सीआरपीएफ हेडक्वार्टर को अपने इस निर्णय पर दोबारा से विचार करना चाहिए। इस तरह का केंद्र तो मुख्य सड़क पर ही ठीक रहता है। लेथपोरा का सेंटर चार किलोमीटर अंदर है। वह आतंक प्रभावित क्षेत्र है। सीएपीएफ के पूर्व अधिकारी चंद्राशेखरन ने कहा, बल में प्रशासनिक मुद्दों की टकराहट में ट्रेनिंग के साथ समझौता किया जाता है। इसका नतीजा भी उतना ही खराब रहता है।IMG_20220718_210810.jpg