प्‍लास्टिक वेस्‍ट से बनाते हैं ट्री गार्ड, कचरा साफ और पेड़ भी सेफ, Kanpur Ploggers ने संवारी घाटों की सूरत

in #india2 years ago

32FTXiZsHoAWFxzgF7aevHm3pd1jDEQrWdDdoZNhUxhLXgTMGcWum91CzFZEjsCnAf3Fm8BGpp2Vuk3UFyvXWkJkAowrNEn42my2R7jZXUB9FvxYQgFooK6jxyZAbDmxa1QijXws7mmrggKp.jpegKanpur Ploggers good news: इस ग्रुप की शुरुआत डॉ संजीवनी शर्मा ने की। उनकी टीम के सदस्‍य गंगा किनारे के घाटों, मकानों, दुकानों से प्‍लास्टिक का कचरा उठाकर रीसाइकिल करने भेजते हैं।
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कानपुर: पर्यावरण के लिए प्‍लास्टिक का कचरा खतरनाक है और पेड़-पौधे वरदान। कानपुर (Kanpur news) के एक ग्रुप ने इन दोनों बिंदुओं को मिलाकर एक नया अभियान शुरू किया है। वह है प्‍लास्टिक के कचरे को रीसाइकिल करके उससे ट्री गार्ड बनवाना। सोने पर सुहागा यह कि इस ग्रुप के सदस्‍य जॉगिंग करते समय प्‍लास्टिक का कचरा उठाते हैं तो उनकी सेहत भी बेहतर बनी रहती है। उनकी इसी खास‍ियत की वजह से उन्‍हें नाम मिला है कानपुर प्‍लॉगर्स ( kanpur ploggers)। यह पश्चिम में शुरू हुई एक नई सोच है जो 'पिक अप' और 'जॉगिंग' से मिलकर प्‍लॉगिंग कहलाती है।
कानपुर प्‍लॉगर्स की शुरुआत की लखनपुर निवासी डॉ संजीवनी शर्मा ने। उनका मकसद मां गंगा के किनारे बढ़ रहे कचरे को साफ करना था। किसी ने कहा है न कि लोग मिलते गए और कारवां बनता गया... तो आज इनके साथ करीब 250 से ज्‍यादा उत्‍साही सदस्‍य हैं। कानपुर प्‍लॉगर्स टीम के सदस्‍य हर रोज गंगा के किनारे घाटों, दुकानों, घरों से प्‍लास्टिक जमा करके उन्‍हें अपने खर्च पर रीसाइकिल कराते हैं। रीसाइकिल होने के बाद जो ट्री गार्ड बनते हैं वे काफी मजबूत होते हैं। टीम का दावा है कि ये वर्षों तक चलेंगे।

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