रक्त दान महादान करके देखिए बहुत अच्छा लगता है
मण्डला जिला चिकित्सालय में खून की कमी झेलते मरीजों की जान बचाने के लिए इस शख्स पर शायद जुनून ही सवार है कि वह आए दिन रक्त दान कर इस महादान के अनुष्ठान में अपनी आहुति दे रहे हैं। यदि दो रक्तदान के बीच 3 महीने के अंतराल का अंतर अनिवार्य न हो तो ये शख्स हर महीने रक्तदान करे। यह कहना है जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों और ब्लड बैंक के अधिकारी-कर्मचारियों का। जी हां, यहां बात हो रही है जिला मुख्यालय के बिनैका ग्राम पंचायत निवासी अजय रजक की जो कि जिला चिकित्सालय मण्डला में आयुष्मान भारत निरामयम योजना के एम्प्लॉय है। जिन्होंने 02 दिसंबर 2022 को 7वीं बार रक्तदान किया और खून की कमी के कारण जिंदगी और मौत के बीच झूलते मरीज की जान बचाई। अजय रजक का कहना है कि एक वाकये ने उनके जीवन में रक्तदान का संकल्प लेने के लिए विवश कर दिया। यही कारण है कि उन्होंने प्रण कर लिया कि यदि उनकी जानकारी मे कोई ऐसा मरीज आया, जिसे रक्त की आवश्यकता है तो वे उसके लिए रक्त की व्यवस्था अवश्य करेंगे और स्वयं पहले रक्तदान करेंगे। अजय रजक बताते हैं कि आदिवासी इलाके में ज्यादातर मरीज समय पर खून न मिलने के कारण ही असमय मौत के मुंह में चले जाते हैं।अजय रजक बताते हैं कि मानव जीवन बेशकीमती है और रक्तदान महादान, एक यूनिट रक्त से यदि किसी का जीवन बचाया जा सकता है तो रक्तदान करने में कोई बुराई नहीं। एक अकेले के जरिए इस संकल्प को पूरा कर पाना मुश्किल था !
अभिभूत हैं सुनील साहू
02 दिसम्बर 2022 को जिला अस्पताल में मुरकुटा गांव के निवासी सतीश साहू और सरस्वती साहू दोनों भाई बहन जो कि सिकल सेल एनीमिया के मरीज है और दोनों B+ लगाना था गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया। उनके शरीर में खून की बेहद कमी होने के कारण दवाइयां कारगर साबित नहीं हो रही थीं। जानकारी मिलने पर सतीश धुर्वे ने रक्तदाता अजय रजक को खबर की किसी अन्य रक्तदाता की व्यवस्था न होता देख अजय रजक ने रक्तदान किया। मरीज के साथ उनके परिजन सुनील साहू ने अजय रजक का जुनून देखा तो अभिभूत हो गए। अजय रजक का 7वीं बार रक्तदान था। अजय रजक जिलेवासियों से अपील करते हैं कि रक्तदान करके देखिए, किसी की जान बचा लेने से अच्छा लगता है।
रक्तदान महादान, बहुत ही सराहनीय कार्य कार्य है। हर व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए