शादियों में डिस्पोजल पर पाबंदी की मांग, कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व यूटी प्रशासन से मांगा जवाब

in #high2 years ago

Screenshot_20220909-160244.jpgइको फ्रेंडली मैरिज कल्चर (आयोजन में डिस्पोजल के इस्तेमाल को बंद करने) की मांग वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब औरसिरसा निवासी डा. गर्गी ऐरी ने एडवोकेट फेरी सॉफेट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि पर्यावरण को पॉलिथीन और डिस्पोजल के चलते बहुत अधिक नुकसान हो रहा है। जिस तेजी से पॉलिथीन व डिस्पोजल का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उससे पशु-पक्षियों सहित मानव प्रजाति को भी बड़ा खतरा पैदा हो गया है। याची ने कहा कि कंपनियों को यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे अपने उत्पादों को प्लास्टिक पैकिंग में मार्केट में न उतारें। इसके स्थान पर कोई ऐसा पदार्थ या पैकिंग मैटीरियल इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो इको फ्रेंडली हो। साथ ही शैंपू और तेल के बॉटल के स्थान पर कांच या एल्यूमिनियम की पैंकिंग का इंतजाम किया जाना चाहिए। शिपिंग कंपनियों को भी पैकिंग के लिए बबल रैप या थर्माकोल के स्थान पर इको फ्रेंडली मैटीरियल से पैकिंग करनी चाहिए। याचिका में सबसे अहम मुद्दा उठाते हुए याची ने कहा कि पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान शादियों में इस्तेमाल होने वाले डिस्पोजल प्लेट, चम्मच व गिलासों आदि से होता है। शादियों में बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल होता है और उपयोग के बाद इन्हें यूं ही फेंक दिया जाता है। याची ने कहा कि यदि पर्यावरण को बचाना है कि शादियों में डिस्पोजल को पूरी तरह से बैन करना और ईको फ्रेंडली मैरिज को बढ़ावा देना जरूरी है। इनके स्थान पर वुड प्लेट या पाल्म लीफ प्लेट का इस्तेमाल किया जा सकता है जो ईको फ्रेंडली होते हैं।