कृषि विज्ञान केंद्र पर एक दिवसीय किसान मेले और गोष्ठी का हुआ आयोजन

in #hardoi2 years ago

p.09.jpgहरदोई :-विगत दिवस कृषि विज्ञान केन्द्र हरदोई-प्रथम द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रांगण में जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत एक दिवसीय किसान मेले एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। किसान मेले का उद्देश्य वानिकी को बढ़ावा देकर पर्यावरण सुरक्षित करने व वार्षिक वर्षा की आवश्यक मात्रा सुरक्षित करने के साथ-साथ वर्षा के पानी के संचयन करने व इसके आवश्यक व क्षमताशील उपयोग करना था।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए नायब सिंह एवं हरगोविन्द सिंह ने बताया कि सुदृढ़ मेड़बन्दी करके खेतों को समतल करें व गंधी जुताई करके वर्षा का पानी का भूमि में संचयन जरूरी है ताकि जिससे भूमि जल स्तर को बढ़ाया जा सके व सामान्य रूप से फसले ली जा सकें। इस अवसर पर बोलते हुए कृषि विज्ञान, हरदोई- प्रथम के प्रभारी डा० अवधेश कुमार तिवारी ने बताया कि प्रतिवर्ष भूमिगत जलस्तर 1-2 फीट तक गिर रहा है। इसे रोकना अति आवश्यक है। अतः धान, गेहूं के फसलचक व अधिक पानी चाहने वाली फसले यथा गन्ना, आलू की बुवाई फसलचक में हेर-फेर करके करें व दलहनी फसलों के फसलचक में जोड़े भूमि को समतल कर व जीवांश पदार्थों की समान मात्रा भूमि में अति आवश्यक है ताकि जल संचयन हो सके व नमी सरक्षण रहे। केन्द्र के वैज्ञानिक श्री मुकेश सिंह ने कहा कि फसलों की जलमांग के अनुसार ही सिंचाई करनी चाहिए तथा आवश्यकता से अधिक पलवार सिंचाई न करें व विभिन्न पदार्थ तक की जड़ों वाली फसलें फसलचक में रखें। डा० सी०पी०एन० गौतम ने गौ आधारित प्राकृतिक खेती को जोर दिया व कीटनाशी तथा खरपतवारनाशियों में प्रयोग न करने की सलाह दी तथा इन्हें जैविक उपायों व निरार्थ गुहराई से खत्म करने की सलाह दी तथा नमी सरंक्षण हेतु मल्चिंग पतवार करने की सलाह दी ताकि नमी संरक्षित रहे तथा यह भी बताया कि वेस्टडिकम्पोजर का फसल अवशेष प्रवन्धन में किस प्रकार से किसार भाई प्रयोग करें के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। केन्द्र की गृह वैज्ञानिक डा० प्रिया वशिष्ठ ने फसलों के अवशेष भूमि में दवाने पर जोर दिया ताकि नमी का संरक्षण हो व मृदा स्वास्थ्य बना रहे। इस अवसर पर 352 कृषक/महिलायें उपस्थित रहें। केन्द्र के वैज्ञानिक डा० सी०पी०एन०-गौतम ने सभी आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया ।