करोड़ों की जमीन का खेल, अफसरों के आदेश होते रहे पास-फेल

in #gorakhpur2 years ago

डीएम कृष्णा करूणेश ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। जमीन से जुड़े दस्तावेज तलब कर देखे जाएंगे। मामले की जांच कराई जाएगी और गड़बड़ी की पुष्टि हुई तो संबंधित पर कार्रवाई भी की जाएगी।
गोरखपुर सदर तहसील क्षेत्र के जंगल डुमरी नंबर दो की करीब 26 एकड़ जमीन पहेली बन गई है। दो साल पहले एसडीएम सदर ने इस जमीन को लावारिस घोषित कर दिया। इसके बाद एसडीएम के ही आदेश पर इसे एक साल के लिए नगर निगम को आवंटित किया गया।

इस आवंटन के आठ महीने ही बीते, की इसे वेटरेनरी कॉलेज को आवंटित कर दिया गया। जमीन कम होने की वजह से इसके चयन पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी, मगर मई 2022 में न्यायिक तहसीलदार ने इस जमीन का वरासत कर दिया। अब डीएम के निर्देश पर जुलाई 2022 में इस जमीन को उद्यान विभाग के नाम आवंटित कर दिया गया। इस बीच मौके पर कई एकड़ जमीन का सौदा भी हो गया।

कोलकाता के रहने वाले बंगाली परिवार की यह जमीन इन दिनों क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। कोई प्रशासनिक अफसरों के फैसलों पर सवाल खड़ा कर रहा है तो कोई भू-माफियाओं पर। कोलकाता शहर के रहने वाले अतुल कृष्ण बनर्जी व अन्य के नाम से राजस्व अभिलेखों में दर्ज जंगल डुमरी नंबर-दो की करीब 26 एकड़ जमीन को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर ने फरवरी 2020 में लावारिस घोषित करते हुए इसे ग्राम सभा के नाम दर्ज कर दिया।

दलील दी गई कि संबंधित नाम का कोई भी व्यक्ति यहां या कोलकाता में बताए पते पर रहता ही नहीं। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने इस जमीन के आदेश पर एक साल के लिए इस जमीन को पट्टे पर नगर-निगम को दे दिया। अभी नगर-निगम उस जमीन पर कुछ करता कि आठ महीने बाद सितंबर 2020 में ही जमीन को वेटरेनरी कॉलेज के नाम आवंटित कर दिया गया। जमीन तो वेटरेनरी कॉलेज के नाम आवंटित हो गई लेकिन एरिया कम होने की वजह से इस पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी।
दो साल बाद सामने आए वारिस, जमीन की हुई वरासत
पहले लावारिस फिर राजस्व अभिलेखों से नगर निगम का नाम खारिज कर वेटरेनरी कॉलेज के नाम दर्ज करने आदि का सिलसिला शुरू हुए दो साल नहीं बीते कि 2022 में मूल खातेदारों के वारिस सामने आ गए। इसके बाद सदर तहसील के तहसीलदार न्यायिक कोर्ट ने पूर्व के आदेश खारिज कर मई 2022 में मूल खातेदार केदारनाथ मुखर्जी के वारिस आलोक कुमार मुखर्जी, कोलकाता और शैलेंद्र नाथ बनर्जी के पौत्र गौतम बनर्जी का नाम मई 2022 के नाम जमीन वरासत कर दी। जिन वारिसों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हुए अभी वे कुछ कर पाते, इससे पहले फिर डीएम के आदेश के क्रम में जमीन को दोबारा से अधिग्रहित कर लिया गया और राजस्व अभिलेखों में जमीन उद्यान विभाग के नाम दर्ज कर दी गई।

डीएम कृष्णा करूणेश ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। जमीन से जुड़े दस्तावेज तलब कर देखे जाएंगे। मामले की जांच कराई जाएगी और गड़बड़ी की पुष्टि हुई तो संबंधित पर कार्रवाई भी की जाएगी।IMG_20220809_172248.jpg