प्रेम संबंध में बाधक बनने पर की थी जान मोहम्मद ही हत्या,

in #ghaziabad2 years ago

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गाजियाबाद के लोनी में प्रेम संबंध में बाधक बनने पर आरओ मैकेनिक जान मोहम्मद की हत्या की गई थी। पत्नी के प्रेमी ने अपने साथियों की मदद से जान मोहम्मद के सिर में डंडा मारने के बाद गला दबाकर हत्या की थी।

पुलिस ने हत्या का खुलासा कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जबकि तीसरे आरोपी ने एनकाउंटर के डर से खुद ही थाने में सरेंडर कर दिया।

लोनी सीओ रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि बदरपुर गांव के जंगल में जान मोहम्मद के शव मिलने के मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए दो आरोपियों समीर खान और सैफ अली को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला है कि समीर खान उर्फ शेर खान निवासी टोली मोहल्ला के जान मोहम्मद की पत्नी के साथ करीब एक वर्ष से संबंध थे। जान मोहम्मद को दोनों के संबंधों के बारे में पता चला गया था।

समीर ने बताया कि जान मोहम्मद उससे नाराज चल रहा था, वह उसकी हत्या कराने की फिराक में था। ऐसे में समीर ने अपने दोस्त सैफ अली और सुहैल के साथ मिलकर जान मोहम्मद की शुक्रवार को हत्या कर दी। हत्या के बाद तीनों ने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। तीनों ने जान मोहम्मद के हाथ पैर बांधे फिर उसे एक कट्टे में बंद किया।

तीनों ने शव को कार में रखा और जंगल की तरफ चल दिए। एक आरोपी जान मोहम्मद की स्कूटी लेकर चल रहा था। बदरपुर गांव के जंगल में पहुंचकर तीनों ने शव को कार से निकाला और बोरे से बाहर निकालकर शव वहीं फेंक दिया। स्कूटी भी वही खड़ी कर तीनों कार से वापस आ गए। समीर और सोहेल दूर के रिश्तेदार हैं। तीनों के कब्जे से पुलिस ने बेसबॉल का डंडा और कार बरामद की है।

हत्या के लिए गिरी मार्केट में किराये पर कमरा लिया
समीर ने करीब एक माह पूर्व गिरी मार्केट स्थित एक कमरा किराये पर लिया था। यहां उसने अपने दोनों दोस्तों सैफ अली और सुहैल को बुलाया था। उन्होंने फोन कर जान मोहम्मद को गिरी मार्केट स्थित किराये के कमरे में एसी ठीक करने के लिए बुलाया। यहां तीनों ने जान मोहम्मद का पहले गला दबाया फिर बेसबॉल के डंडा सिर में मारकर उसकी हत्या कर दी।

एनकाउंटर के डर से किया सरेंडर
जान मोहम्मद की हत्या में ट्रॉनिका सिटी थाना पुलिस ने दो आरोपियों समीर खान और सैफ अली को रविवार रात गिरफ्तार किया था। हत्या में शामिल तीसरा आरोपी सुहैल फरार था। सोमवार सुबह सुहैल निवासी इकरान नगर लोनी बार्डर थाना में सरेंडर करने पहुंचा। यहां उसने गले में एक तख्ती डाल रखी थी, जिस पर लिखा था कि कप्तान साहब माफ करो, एसपी देहात साहब माफ करो, मैं एनकाउंटर के डर से सरेंडर करने आया हूं। अब कभी जीवन में अपराध नहीं करूंगा। समीर ने बताया कि वह अब बेहटा हाजीपुर रह रहे हैं। उन्हें पता चला कि उनके दो साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे आशंका थी कि पुलिस कहीं एनकाउंटर ना कर दें इसलिए उसने सरेंडर कर दिया है।