MeToo अभियान के पांच सालों में दुनिया भर में क्या कुछ बदला

in #five2 years ago (edited)

#MeToo आंदोलन ने दुनिया भर में महिलाओं के यौन शोषण की ओर ध्यान खींचा था
पांच साल पहले शुरू हुए इस आंदोलन ने इस बारे में जागरुकता फैलाने में अहम भूमिका निभाई थी
कई देशों में यौन हिंसा के ख़िलाफ़ ज़बर्दस्त प्रदर्शन हुए और सत्ता प्रतिष्ठानों पर दबाव बढ़ा
यह आंदोलन भले अमेरिका में शुरू हुआ था, लेकिन इसका असर दुनिया भर में देखने को मिला
इसने महिलाओं के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ बहस को मज़बूती दी
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पांच साल पहले हम सब की सोशल मीडिया टाइम लाइन पर अचानक से #MeToo से जुड़े पोस्ट दिखाई देने लगे थे.

एक ट्वीट से यह अभियान शुरू हुआ और देखते-देखते दुनिया भर की महिलाएं अपने साथ हुए बुरे अनुभव को याद करने लगी थीं.

ग्लासगो में यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्ट्रेचक्लायड में फ़ेमिनिस्ट मीडिया स्टडीज़ में जेंडर स्टडीज़ विभाग की निदेशिका प्रोफ़ेसर कैरन बॉयले बताती हैं, "यौन हिंसा और उत्पीड़न को बताने के लिए #MeToo कोई पहला हैशटैग नहीं था और ना ही वायरल होने वाला यह पहला हैशटैग था. हालांकि दुनिया के कई हिस्सों में इसने उस अभियान को आवाज़ दी जो राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर पहले से ही वायरल हो चुके थे."

कई लोगों का ये भी मानना है कि इस आंदोलन ने दुनिया भर के समाज में और कार्यस्थलों पर महिलाओं की स्थिति और उनके साथ किए जा रहे व्यवहार के बारे में बहस को विस्तार

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