किसी की जान बचाकर देखिए बहुत अच्छा लगता है

in #feels2 years ago

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  • आयुष्मान मित्र अजय ने सातवीं बार किया रक्तदान

मंडला. जिला चिकित्सालय में हमेशा खून की कमी बनी रहती है, जिससे यहां जरूरतमंद रक्तदाताओं को ढूंढते और परेशान नजर आते है। ऐसी ही परिस्थिति में जूझते मरीजों की जान बचाने के लिए एक शख्स पर शायद जुनून ही सवार है कि वह रक्तदान कर इस महादान के अनुष्ठान में अपनी आहुति दे रहा हैं। यदि दो रक्तदान के बीच 3 महीने के अंतराल का अंतर अनिवार्य न हो तो ये शख्स हर महीने रक्तदान करे। यह कहना है जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों और ब्लड बैंक के अधिकारी कर्मचारियों का। जी हां यहां बात हो रही है जिला मुख्यालय के बिनैका ग्राम पंचायत निवासी अजय रजक की, जो कि जिला चिकित्सालय मंडला में आयुष्मान भारत निरामयम योजना में जिला चिकित्सालय में आयुष्मान मित्र के पद पर पदस्थ है। इन्होंने 02 दिसंबर को 7 वीं बार रक्तदान किया और खून की कमी के कारण जिंदगी और मौत के बीच झूलते मरीज की जान बचाई।

अजय रजक का कहना है कि एक वाक्ये ने उनके जीवन में रक्तदान का संकल्प लेने के लिए विवश कर दिया। यही कारण है कि उन्होंने प्रण कर लिया कि यदि उनकी जानकारी में कोई ऐसा मरीज आया, जिसे रक्त की आवश्यकता है तो वे उसके लिए रक्त की व्यवस्था अवश्य करेंगे और स्वयं पहले रक्तदान करेंगे। अजय रजक बताते हैं कि आदिवासी इलाके में ज्यादातर मरीज को समय पर खून न मिलने के कारण ही असमय मौत के मुंह में चले जाते हैं। अजय का कहना है कि मानव जीवन बेशकीमती है और रक्तदान महादान, एक यूनिट रक्त से यदि किसी का जीवन बचाया जा सकता है तो रक्तदान करने में कोई बुराई नहीं।

  • अजय रजक का जुनून देखा तो अभिभूत हैं सुनील साहू :

विगत दिवस जिला अस्पताल में मुरकुटा गांव निवासी सतीश साहू, सरस्वती साहू दोनों भाई बहन जो कि सिकल सेल एनीमिया के मरीज है। दोनों भाई बहन को ब्लड लगाना था, गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया। उनके शरीर में खून की बेहद कमी होने के कारण दवाइयां कारगर साबित नहीं हो रही थीं। जानकारी मिलने पर आयुष्मान मित्र सतीश धुर्वे ने रक्तदाता अजय रजक को खबर दी। जिसके बाद किसी अन्य रक्तदाता की व्यवस्था न होता देख अजय रजक ने स्वयं रक्तदान किया। मरीज के साथ उनके परिजन सुनील साहू ने अजय रजक का जुनून देखा तो अभिभूत हो गए। अजय रजक का 7 वीं बार रक्तदान था। अजय रजक ने जिलेवासियों से अपील कि है कि रक्तदान करके देखिए, किसी की जान बचा लेने से अच्छा लगता है।