आयरन की कमी से शरीरिक, मानसिक विकास पर प्रभाव

in #effect2 years ago

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  • एनीमिया की कमी को दूर करने वितरित की आयरन की गोली
  • जिले भर में मनाया गया एनीमिया जागरूकता सप्ताह

मंडला। पोषक तत्वों की कमी के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इसका सीधा असर शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। जिसके कारण शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है। हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करने के लिए चिकित्सक आयरन की गोली लेने की सलाह देते है। इसी के साथ वर्ष में एक बार एनीमिया जागरूकता सप्ताह का भी आयोजन किया जाता है। जिससे एनीमिया के दुष्परिणाम के बारे में आमजनों को जानकारी हो सके और इससे होने वाले दुष्प्रभाव से बच सके।

जिले भर में सात दिवसीय आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया गया। अभियान के तहत सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को एनीमिया जागरूकता सप्ताह मनाने के निर्देश दिए गए थे। बता दे कि एनीमिया के लक्षणों में शरीर में थकावट रहना, सांस लेने में परेशानी होना, त्वचा का पीला पडऩा, अनियमित धड़कन, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथ पैरो का ठंडा पड़ जाना व सिर में दर्द होना शामिल है।

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सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह ने बताया कि 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को 1 एमएल आयरन सिरप सप्ताह में दो बार, 5 वर्ष से 10 वर्ष तक के बच्चों को हर सप्ताह में एक गुलाबी आयरन गोली, 10 से 19 वर्ष के किशोर-किशोरियों को हर सप्ताह एक नीली आयरन की गोली, सभी गर्भवती व धात्री माताओं को दैनिक रूप से एक आयरन की लाल गोली दी गई। आयरन की गोली वितरित करते समय उन्होंने बताया गया कि इस आयरन की गोली को खाना खाने के बाद ही खाएं। गोली का सेवन खाली पेट न करें। गोली को दूध या चाय के साथ न ले। गोली खाने के दुष्प्रभाव जैसे जी मिचलाना आदि अनुभव होने पर गोली खाना जारी रखें। यह दुष्प्रभाव स्वत: कुछ सप्ताह में बंद हो जाएंगे। आयरन व केल्शियम की गोली एक साथ न खाएं।

  • आयरन की गोली के फायदे :
    आयरन की कमी और पौष्टिक आहार से रक्तहीनता के साथ शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ता है। जिससे चिड़चिड़ापन, तनाव, अवसाद आदि की स्थिति पैदा हो सकती है। इन कमियों को पूरा करने में आयरन की गोली बेहद फायदेमंद है। इसलिए चिकित्सक भी आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आयरन की गोली लेने की सलाह देते है।

  • बच्चों को बताए आयरन के फायदे :

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आज कल बच्चों में एनीमिया खून की कमी की शिकायतें रहती हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों में एनीमिया के केस पहुंचते हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को नीली-गुलाबी आयरन की गोलियां खिलाई जाती है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिले में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत यहां पदस्थ परामर्शदाता द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र और स्कूल विजिट के दौरान बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध कराते है। इसके साथ ही समय-समय पर इनका जांच परीक्षण कराकर दवाईयां भी उपलब्ध कराते है। इसी के अंतर्गत एनीमिया जागरूकता सप्ताह राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के परामर्शदाता द्वारा मनाया गया। यहां परामर्शदाताओं ने स्कूली बच्चों को आयरन की गोलियां वितरित की। जिससे बच्चों में आयरन की कमी ना हो। इसके साथ ही आयरन और एनीमिया के विषय में छात्र, छात्राओं को विस्तार से जानकारी दी। उन्हें बताया कि आयरन की गोली खाने से कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। जिसका एचबी कम है, उसे हफ्ते में एक बार आयरन की गोली खाना चाहिए।