108 वाहन चालकों को समय पर नहीं मिल रहा मानदेय

in #drivers2 years ago

0401_mn_02.jpg
बीमारों को अस्पताल पहुंचाने वाली इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा 108 कॉल करने पर भी मरीजों तक पहुंच रही। इसके लिए कंपनी के वे लोग पाबंद है जो दिन रात एबुलेंस चलाते है लेकिन पिछले माह से अभी तक चालकों को कंपनी ने मानदेय नहीं दिया है। इस वजह से उन्हें कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे चालक किसी से शिकायत भी नहीं कर पा रहे है। ठेका कंपनी का यह काम लंबे समय तक चलने वाला है और वाहन चलाने का काम भी एक तरफ से स्थायी भी है। लापरवाह कंपनी प्रबंधन के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इधर पहले से एबुलेंस 108 में चालको की कमी से जूझ रही है। जिसके चलते चालको से 12 घंटे तक काम लिया जा रहा है। बताया गया है कि एबुलेंस 108 और जननी वाहनो संचालन कर रही ठेका कंपनी जय अंबे एजेंसी के द्वारा पहले भी गड़बड़ी की शिकायते सामने आई है। एजेंसी के पास पर्याप्त ड्रायवर नहीं है और चालको पर स्पीड लिमिट भी तय कर दी गई है। चालक जिससे परेशान है। कई गंभीर मामले में स्पीड के चलते मरीज समय पर अस्पताल भी नहीं पहुंच पा रहे है। इन समस्याओ को अलावा ठेका एजेंसी के द्वारा चालको को मानदेय भी नहीं दिया गया है। चालको आठ से नौ हजार रूपए का मानदेय हर महीने दिया जाता है लेकिन पिछले दो माह से मानदेय नहीं मिला है। कुछ चालको को जरूर मानदेय मिला लेकिन जरूरतमंद अभी इंतजार में है। इस ओर स्वास्थ्य अमला भी ध्यान नहीं दे रहा है जिसका खामियाजा भुगतान पड़ रहा है।

मार्च में बदला ठेका

मार्च 2022 तक इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा के संचालन का ठेका किसा एजेंसी के पास था। पूरे मप्र का ठेका इसी एजेंसी के पास था। 8 साल तक सेवाएं देने के बाद इस एजेंसी की जगह जय अंबे एजेंसी को मार्च 2022 से ठेका दिया गया। इस एजेंसी के पास ठेका आने के बाद वाहन तो पर्याप्त हैं लेकिन ड्राइवर नहीं हैं।

ऑडियो हो रहा वायरल

एबुलेंस चालको को पिछले माह से मानदेय नहीं मिला है। यह हालत पूरे प्रदेश के चालको का प्रदेश के किसी जिले में एक चालक और डीएम के बीच मानदेय को हो रही बहस का ऑडियो सोशल साइट में वायरल हो रहा है। जिसमें चालक अपनी मजबूरिया गिना रहा है लेकिन कंपनी के अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे है।