लाल सिंह चड्ढा के लिए करीना कपूर को क्यों देना पड़ा था ऑडिशन
साल 2000 में जे पी दत्ता की फ़िल्म "रिफ़्यूज़ी" से अपने करियर की शुरुआत करने वालीं करीना कपूर ख़ान ने हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने 22 साल पूरे कर लिए हैं. इन बाइस सालों में करीना कपूर ने अपनी सफ़लता और स्टारडम बरकरार रखा है.
करीना का मानना है कि आज फ़िल्मों में स्टार मायने नहीं रखते और अब फार्मूला फ़िल्में नहीं चलेंगी.
बीबीसी से रू-ब-रू होते हुए करीना कपूर मानती हैं कि अभिनेता फ़िल्मों में तभी लंबे चल सकते हैं जब उनकी फ़िल्मों की उम्र लंबी होगी.
ओमकारा, चमेली, जब वी मेट और कभी ख़ुशी कभी ग़म जैसी फ़िल्मों का उदाहरण देते हुए करीना ने बताया कि इन फ़िल्मों को आज भी देखा जा सकता है. इसलिए किसी भी अभिनेता के लिए फ़िल्मों का चयन बहुत मायने रखता है.
आज के दौर की फ़िल्मों की चर्चा करते हुए करीना ने कहा, "आज फ़िल्मों में स्टार हो या ना हो कोई फ़र्क नहीं पड़ता. महामारी के दौर में लोगों ने घर बैठे बहुत अच्छा कंटेंट देखा है और थिएटर वाली फ़िल्में दो तीन हफ़्ते में OTT पर आ जाती हैं. दर्शक थिएटर पर अब पारिवारिक मनोरंजन वाली फ़िल्मों के लिए ही आएंगे फिर चाहे उस फ़िल्म में आमिर ख़ान हों या कोई नया कलाकार."
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