गहलोत पर उलटा पड़ेगा दांव

in #bets2 years ago

ashok_gehlot_ajay_makan_1664172295.jpg

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दांव उलटा पड़ता दिख रहा है। हाईकमान की ओर विधायक दल की बैठक के लिए दूत बनाकर भेजे गए अजय माकन ने मीडिया के सामने खुलकर कहा है कि जो कुछ हुआ वह अनुशासनहीनता है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दांव उलटा पड़ता दिख रहा है। हाईकमान की ओर विधायक दल की बैठक के लिए दूत बनाकर भेजे गए अजय माकन ने मीडिया के सामने खुलकर कहा है कि जो कुछ हुआ वह अनुशासनहीनता है। ऐसे में संकेत यह भी मिल रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष का रुख सख्त हो सकता है और गहलोत को लेनी की देनी पड़ सकती है। अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी भी अपने पास रखने की उनकी कोशिश ने उनके दोनों ही पदों को खतरे में डाल दिया है।

रविवार रात मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मिलकर विधायकों से बात करने और गहलोत कैंप को मनाने की कोशिश में नाकाम रहे अजय माकन ने दिल्ली लौटने से पहले मीडिया के सामने सारी बातें खुलकर रखीं। उन्होंने बताया कि किस तरह गहलोत कैंप के तीन विधायकों ने उनके सामने आकर तीन शर्तें रखीं, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी विधायकों से अलग-अलग बात नहीं करने दिया गया।

माकन ने बताया कि उनके सामने तीन शर्तें रखी गईं थीं और प्रस्ताव में इन्हें शामिल करने को कहा गया था। माकन ने कहा, ''कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री की सहमित से बुलाई गई थी। स्थान और समय भी उन्होंने तय किया था। जो विधायक नहीं आए, उनसे हम एक एक करके बात करना चाहते थे। कोई फैसला नहीं हो रहा है, आपकी बात दिल्ली पहुंचाएंगे। शांति धारीवाली और डॉ जोशी और प्रताप खाचरियावास हमारे पास आए।उन्होंने तीन शर्तें रखीं।''

माकन ने आगे कहा, ''पहली बात उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पर फैसला छोड़ने का प्रस्ताव पास करना है तो करिए लेकिन इसमें लिखा हो कि 19 अक्टूबर के बाद फैसला होगा। हमने कहा कि जब वह 19 अक्टूबर को अध्यक्ष बन जाएंगे तो अपने ही प्रस्ताव पर फैसला करेंगे तो इससे बड़ा हित का टकराव नहीं हो सकता है। दूसरा जब हमने कहा कि एक एक करके बात करेंगे तो उन्होंने कहा कि नहीं ग्रुप में आकर बात करेंगे। तीसरी शर्त उन्होंने रखी कि जो 102 विधायक उस समय गहलोत के वफादार थे उनमें से ही बनाया जाए, सचिन पायलट या उनके साथ रहे लोगों को नहीं बनाया जाए।''