एएमयू के भाषा विज्ञान विभाग में जल संरक्षण पर व्याख्यान आयोजित
अलीगढ़, 26 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद मसरूर आलम ने शहर के शिक्षकों, छात्रों और रेजीडेंट को जल संरक्षण के लिए और अधिक समर्पित भाव से कार्य करने का आह्वान किया। वह भाषा विज्ञान विभाग के ‘जल शक्ति अभियान’ और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के तहत ‘जल संरक्षण’ पर आयोजित कार्यक्रम में व्याख्यान दे रहे थे।
‘कैच द रेन कैंपेन’ के महत्व पर जागरूकता के महत्व को रेखांकित करते हुए, प्रोफेसर आलम ने जलवायु परिस्थितियों और उप-मृदा स्तर के लिए उपयुक्त वर्षा जल संचयन व्यवस्था बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ‘वर्षा संचियित जल अभियान’ के सफल कार्यान्वयन के लिए जमीनी स्तर पर लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। यह अभियान वर्षा जल संरक्षण को पकड़ने और भंडारण बढ़ाने, आर्द्रभूमि की बहाली, नदियों और नालों के कायाकल्प के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रोफेसर आलम ने एक्वीफर के उपयोग पर भी चर्चा की और बताया कि यह कैसे एक्वीटर्ड और एक्वीक्लूड से अलग है जो धीमी गति से पानी में प्रवेश करता है।
भाषाविज्ञान विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर एम जे वारसी ने कहा कि जल संसाधनों के कुशलतापूर्वक संरक्षण, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए एक अभ्यास के रूप में जल संरक्षण दुनिया भर में एक आवश्यक अभ्यास बन गया है, लेकिन अभी भी पानी के संरक्षण के लिए व्यावहारिक और पर्यावरण के अनुकूल दृष्टिकोण पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ‘जल शक्ति अभियान’ की भारत सरकार की पहल को भरपूर जन समर्थन प्राप्त हो रहा है और इस से जल संरक्षण और जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा मिल रहा है।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ पल्लव विष्णु ने किया।