दशहरे की रैली भी नहीं संबोधित कर पाएंगे उद्धव ठाकरे, विवाद में राज ठाकरे की भी हुई एंट्री
शिवसेना की स्थापना के दौर से ही दशहरे पर रैली उसका बड़ा उत्सव रहा है। बालासाहेब ठाकरे के दौर में यह एक बड़ा आयोजन होता था, जिसमें समूचे महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में शिवसैनिक जुटते थे। उसके बाद करीब एक दशक तक उद्धव ठाकरे इस रैली को संबोधित करते रहे हैं। लेकिन इस साल नजारा पूरी तरह से अलग है। इसकी वजह एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के चलते 40 विधायकों का साथ छोड़ जाना और सांसदों का भी बागी होना है। इसके अलावा संजय राउत ईडी की गिरफ्त में हैं। यही नहीं दशहरे पर रैली करने का दावा एकनाथ शिंदे गुट भी कर रहा है, जो खुद को असली शिवसेना बताता है। वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा है कि रैली तो होकर रहेगी।