यह उस तथाकथित पीड़ा की अंतिम अवस्था है

in #writter2 years ago

मुझे लगता है यह उस तथाकथित पीड़ा की अंतिम अवस्था है जहां पीड़ाओं को व्यक्त करने में भी अथाह पीड़ा होती है और मन कहता है कि चुप रहा करो चुप ही रहकर शांति से इस जीवन से विदा हो लो...!