कंवरसीका गांव में किशोरियों और महिलाओं के बीच "एनीमिया रोकथाम" के प्रति जागरूकता

जिला प्रशासन के नेतृत्व में कंवरसीका गांव में किशोरियों और महिलाओं के बीच "एनीमिया रोकथाम" के प्रति जागरूकता

नूंह के गांव कंवरसीका में पीरामल फाउंडेशन ने परिवार सेवा संस्था के साथ मिलकर गांव में बढ़ती एनीमिया बीमारी के प्रति गांव की महिलाओं और किशोरियों को स्वास्थ्य कैंप के जरिए जागरूक किया। इस आयोजन में गांव की आशा वर्कर व आंगनवाड़ी वर्कर के सहयोग से महिलाओं और किशोरियों ने भाग लिया। इस जागरूकता कैंप में परिवार सेवा संस्था के काउंसलर तारीफ ने बताया कि खून की कमी को एनीमिया कहते हैं ।IMG-20220418-WA0015.jpg उन्होंने बताया कि किसी भी बच्चे में, महिला में या पुरुष में खून का स्तर कितना होना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान एक महिला के अंदर 11 से 14 ग्राम खून की मात्रा होनी चाहिए । इसके बाद उन्होंने बताया कि एनीमिया का सबसे बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी होना है। जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स धीरे धीरे खत्म होने लगते हैं और बॉडी को जरूरत के अनुसार डाइट नहीं मिलती तो इससे खून की कमी होने लगती है। इसके साथ ज्यादातर ये दिक्क्त किशोरावस्था और महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान खून की कमी से भी हो जाती है। IMG-20220418-WA0012.jpgएनीमिया के मुख्य लक्षणों पर बातचीत के बाद उन्होंने एनीमिया के रोकथाम के उपचार बताए। एनीमिया रोकथाम के लिए विटामिन 'ए' एवं 'सी' युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक लौह तत्व व फॉलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाने खाने के बाद लेनी चाहिए। जल्दी-जल्दी गर्भधारण से बचना चाहिए। ऐसा आहार जरूरी है जिसमें कम से कम कुछ आयरन युक्त खाद्य पदार्थ हों। आयरन के अच्छे स्रोतों में मांस, मछली और साबुत अनाज शामिल हैं। विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अपने आसपास के वातावरण को साफ सुथरा रखने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से रोकथाम की जा सकती है। इस जागरूकता कैंप में पीरामल फाउंडेशन की ओर से सुमित सांगवान और पूजा ने व परिवार सेवा संस्था की ओर से तारीफ और गौरव ने अहम भूमिका निभाई। देश के 112 आकांक्षी जिलों के सतत विकास के लिए नीति आयोग पीरामल फाउंडेशन के साथ मिलकर "Collaboration and Convergence" के तरीके को बढ़ावा दे रहा है।