7 मई तक मनाया जाएगा एनीमिया उन्मूलन सप्ताह : उपायुक्त

7 मई तक मनाया जाएगा एनीमिया उन्मूलन सप्ताह : उपायुक्त
-उपायुक्त ने बताया-एनीमिया-ट्रैकिंग ऐप से होगी मॉनिटरिंग

उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में हरियाणा सरकार द्वारा आगामी 7 मई 2022 तक प्रदेशभर में एनीमिया उन्मूलन सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके तहत इलाज के लिए अस्पतालों में आने वाले सभी मरीजों का हीमोग्लोबिन (एचबी) का परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अभियान के तहत जिला में समन्वित एनीमिया कम करने के लिए टी-थ्री रणनीति यानी टेस्ट, ट्रीट और टॉक अपनाएं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी शेडयूल के बारे में उपायुक्त ने बताया कि इस अभियान के तहत उन सभी रोगियों के एचबी का परीक्षण किया जा रहा है जो किसी भी तरह के इलाज के लिए अस्पताल में आते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी रोगियों विशेष रूप से महिलाओं के एचबी की जांच शत-प्रतिशत की जाएगी। रोगी को उनके एचबी स्तर के अनुसार रोगनिरोधी और चिकित्सीय उपचार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर एचबी परीक्षण सामान, उपभोग्य सामग्रियों, आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) टैबलेट स्टॉक की उपलब्धता सुनिश्चित करेगें। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से एनीमिया-ट्रैकिंग ऐप विकसित किया गया है जिसमें एचबी परीक्षण की जानकारी वास्तविक समय के आधार पर अपलोड की जानी है और इसमें रोगी की जानकारी एकत्रित की जाएगी। इस ऐप से जिला में हो रहे कार्य की मुख्यालय स्तर पर निगरानी की जा सकती है।IMG-20220502-WA0017.jpg
उपायुक्त ने कहा कि एनीमिया उन्मूलन सप्ताह के दौरान व्यापक सेवा वितरण पैकेज सुनिश्चित किया जाएगा जिसमें एचबी परीक्षण और उपचार, रोगनिरोधी आईएफए पूरकता और आहार विविधीकरण और आयरन वाले भोजन को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके बाद एनीमिया उन्मूलन सप्ताह अगस्त, नवंबर और फरवरी 2023 के महीने की 1 से 7 तारीख तक त्रैमासिक रूप से मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लक्षित लाभार्थी 6 से 59 महीने के बच्चे, 5 से 9 साल के बच्चे, 10 से 19 साल के किशोर, प्रजनन आयु वर्ग की महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत मलेरिया, हीमोग्लोबिनोपैथी और फ्लोरोसिस पर विशेष ध्यान देने के साथ स्थानिक क्षेत्रों में एनीमिया के गैर-पोषक कारणों के बारे में जागरूकता, जांच और उपचार को तेज करना है।