इस्लाम बचाने के लिए मासूम अली असग़र को भी कुर्बानी देनी पड़ी:मौलाना बजीहुल

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नौवी मोहर्रम पर इमाम हुसैन के छह माह के बेटे हजरत अली असगर की शहादत पर पूर्व पालिका अध्यक्ष मरहूम अली वहाब जैदी उर्फ बब्बे मियां फाटक में मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें अली असगर के झूले की जियारत बरामद की गई।मौलाना बजीहुल ने तकरीर करते हुए कहा कि कर्बला में इमाम हुसैन तीन दिन प्यासे मासूम अली असगर को पानी पिलाने ले गए तो दुश्मने इस्लाम ने अली असगर को पानी न पिलाया और तीर से हमला करके उन्हें शहीद कर दिया। हुसैन ने कर्बला में 72 कुर्बानियां देकर रसूल अल्लाह के दीन इस्लाम और इंसानियत को मिटने से बचाया।मौलाना ने कहा कि कर्बला में 7 मोहर्रम से हुसैन के खेमों में पानी पर दुश्मनों ने रोक लगा दी और हुसैन और उनके साथी तीन दिन तक भूखे प्यासे रहे।इमाम हुसैन का इस्लाम और इंसानियत पर बहुत बड़ा एहसान है। कर्बला में मौला अब्बास, अली अकबर, जनाबे कासिम, अली असग़र भी शहीद हुए आज पूरी दुनिया में शहीदों का गम मनाया जा रहा है।