जिले को मिलेगी एक और फोरलेन हाईवे की सौगात
बिजनौर। जिले में दो फोरलेन हाईवे और टू लेन हाईवे निर्माणाधीन हैं। इनके अलावा एक और फोरलेन हाईवे की सौगात बिजनौर को मिलने जा रही है। यह हाईवे नजीबाबाद से अफजलगढ़ तक बनाया जाना है। प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार की भूमि अधिग्रहण समिति के पास भेज दिया गया है। 42 किलोमीटर लंबे इस हाईवे में 1126 करोड़ रुपये की लागत आएगी। गूगल मैप के आधार पर प्राइमरी डीपीआर तैयार की जा चुकी है। प्रस्ताव को हरी झंडी मिलते ही सर्वे का काम चालू कर दिया जाएगा।
दिसंबर 2021 में नजीबाबाद से अफजलगढ़ के बीच फोरलेन हाईवे बनाने के लिए कवायद फाइलों में चली। उत्तराखंड सरकार की पुरजोर कोशिशों के चलते नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने प्राइमरी डीपीआर बनाते हुए प्रस्ताव तैयार कराया। गूगल के सहारे इस हाईवे की दूरी का आकलन किया गया, जिसके आधार पर यह तय किया गया कि कहां पुल बनेंगे और कहां-कहां से होकर इस हाईवे को निकाला जाना है, जिसकी दूरी 42.5 किमी तय की गई।
इस हाईवे के निर्माण पर 1126 करोड़ रुपये की लागत आएगी। हालांकि सर्वे होने के बाद इसमें कुछ अंतर आ सकता है। नेशनल हाईवे के सूत्रों की मानें तो यह हाईवे नजीबाबाद के बाईपास से शुरू होकर रायपुर सादात के पास से होते हुए अफजलगढ़ तक पहुंचेेगा।
उत्तराखंड को होगा अधिक लाभ
उत्तराखंड राज्य को इस हाईवे के बन जाने से सबसे अधिक फायदा होगा। क्योंकि उत्तरखंड के गढ़वाल मंडल से कुमाऊं मंडल यानि नैनीताल की तरफ जाने के लिए केवल एक ही सड़क है, हरिद्वार-काशीपुर नेशनल हाईवे। यह नजीबाबाद, नगीना, धामपुर से होकर गुजरता है। उत्तराखंड अपनी सीमा में कार्बेट पार्क के चलते सड़क नहीं बना सकता। ऐसे में यात्रा का समय करने के लिए उत्तराखंड सरकार नजीबाबाद को सीधे अफजलगढ़ से जोड़ने के प्रयास में लगी है। जिससे देहरादून से नैनीताल जाने मेें एक घंटा का समय कम लगेगा। नगीना, धामपुर और शेरकोट से भी नहीं गुजरना होगा।
कम दूरी में भी देना होगा टोल
यूं तो फोरलेन हाईवे पर 60 किमी की दूरी में ही टोल प्लाजा बनाया जाता हैै, लेकिन इस नजीबाबाद अफजलगढ़ का हाईवे बन जाने के बाद दूरी 42 किमी होते हुए भी टोल वसूला जाएगा, क्योंकि हरिद्वार काशीपुर फोरलेन हाईवे पर दो हजार करोड़ की लागत आई है। जबकि नजीबाबाद अफजलगढ़ में भी 1100 करोड़ लग जाएंगे। इसके चलते दोनों ही हाईवों पर टोल की व्यवस्था रखी जाएगी।
जिले में सबसे ऊंचा होगा यह हाईवे
नजीबाबाद से अफजलगढ़ तक बनने वाला हाईवे नदियों और डूब क्षेत्र से गुजरेगा। ऐसे में इसकी ऊंचाई जिले के अन्य हाईवे और सड़कों से सबसे अधिक रहेगी। इस हाईवे में एक रेलवे ओवरब्रिज, तीन बड़े अंडरपास और खो-रामगंगा पर दो बड़े पुल भी बनेंगे।