मच्छरदानी लगाकर संसद भवन में सोए सांसद, निलंबन के खिलाफ दो दिन से कर रहे प्रदर्शन

in #wortheumnews2 years ago

नई दिल्ली: निलंबन के खिलाफ बीते दो दिनों से सांसदों का प्रदर्शन जारी है. विपक्ष के कुल 27 सांसद ( 23 राज्यसभा और 04 लोकसभा सांसद) बुधवार की सुबह 10 बजे से संसद भवन में टिके हुए हैं और निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, संसद भवन में गांधी प्रतिमा के पास धरना पर बैठे माननियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर मच्छरों ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. खुला जगह होने की वजह से उन्हें सोने में दिक्कत हो रही है
ऐसे में नींद पूरी हो सके इस कारण सांसद बीती रात मच्छरदानी लगाकर सोते दिखे. आप सांसद संजय सिंह, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सुष्मिता देव और मौसम बेनजीर नूर मच्छरदानी में दिखे. इससे पहले सांसद क्वाइल जला कर सोते दिखे थे. इसका एक वीडियो कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने ट्वीट किया था. ट्वीट में उनके हाथों पर मच्छर बैठा दिख रहा था. वहीं, मॉर्टिन क्वाइल जला हुआ भी दिख रहा था. .
वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा था, " संसद में मच्छर हैं, लेकिन विपक्षी सांसद डरते नहीं हैं. मनसुख मंडविया जी कृपया संसद में भारतीयों का खून बचाएं. अदानी तो बाहर खून चूस ही रहे हैं. "
इधर, मच्छरदानी में सोने के संबंध में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, " निलंबन के बाद संसद में धरने की ये दूसरी रात है. आज धर्मपत्नी ने यह मच्छरदानी भेज दिया है. इससे बहुत राहत है. लेकिन उन गुजरात के 75 परिवारों का क्या जिनके घरों से अर्थियां उठ गईं. कइयों के छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो गए, कइयों के घर में वो अकेले कमाने वाले थे. कई लोगों की शिकायत के बावजूद जहरीली शराब पूरे गुजरात में कैसे बनाई जा रही है. गुजरात में तो पूर्ण शराबबंदी है.
वहीं, टीएमसी के सांसद डोला सेन ने कहा कि यह सही है कि संसद भवन में मच्छर बहुत हैं. लेकिन मच्छर हमारे एजेंडे में नहीं हैं. महंगाई और जीएसटी जैसे जनता से जुड़े मुद्दे हमारे एजेंडे में अहम हैं. रही बात रात को नींद आने की तो खुले आकाश में कैसी नींद आती है यह कहने की जरूरत नहीं है. इनने अतिरिक्त टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी घरना स्थल की तस्वीर साझा की है. गौरतलब है कि सांसदों का धरना प्रदर्शन आज दिन में 12 बजे खत्म हो जाएगा. f2jukip8_mp-protest_625x300_29_July_22.webpf2jukip8_mp-protest_625x300_29_July_22.webp