इराक में श्रीलंका जैसी अराजकता, सरकारी इमारतों पर भीड़ का कब्जा, भारत पर क्या पड़ेगा असर

in #wortheumnews2 years ago

Iraq Protest: इराक में बिगड़ते हालात भारत के लिए कुछ चिंता का संकेत दे सकते हैं. भारत के इराक के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. इराक हमेशा से ही भारत के लिए तेल का एक प्रमुख सप्लायर रहा है.

![](httpraq Situation Effect on India: इराक में हालात लगातार बिगड़ते नजर आ रहे हैं. इराक के शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के राजनीति से हटने की घोषणा के बाद यहां भड़की हिंसा में अब तक लगभग 20 लोगों की मौत हो गई है. धर्मगुरु के समर्थकों और ईरान समर्थित लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई. लोग सड़कों पर उतर आए. सरकारी इमारतों पर धावा बोला गया. प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए चारों तरफ आंसू गैस के गोले दागे गए. ऐसे हालातों के बीच अब यह सवाल खड़ हो गया है कि आखिर भारत में इस अराजकता का क्या असर पड़ेगा.

क्या श्रीलंका में होने वाले इस त्राहिमाम की वजह से भारत को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है? जी हां, इराक में बिगड़ते हालात भारत के लिए कुछ चिंता का संकेत दे सकते हैं. भारत के इराक के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. इराक हमेशा से ही भारत के लिए तेल का एक प्रमुख सप्लायर रहा है. हालांकि, 1991 के खाड़ी युद्ध, 2003 के अमेरिकी आक्रमण और 2014 में आईएस के उदय के बाद इसमें काफी कमी भी आई है लेकिन, कहीं न कहीं आज भी भारत इराक पर निर्भर करता है.


इराक में ऐसे हालातों का होना इसलिए भी भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि 2019 में भारत सरकार की यात्रा सलाह में संशोधन के बाद, भारतीय श्रमिकों ने फिर से इराक में शिफ्ट होना शुरू कर दिया था. इराक में लगभग 15,000 से 17,000 भारतीय रहते हैं. ऐसे में अगर यहां के हालात खराब हुए तो उनकी सुरक्षा पर भी सवाल खड़े होने लगेंगे.

भारतीय कंपनियों को होगा नुकसान

बीते समय में इराक के साथ भारत के आर्थिक संबंध और व्यापार बढ़े हैं. इसी बढ़ते व्यापार ने भारतीय कंपनियों को एक बार फिर इराकी बाजार में प्रवेश करने के लिए उत्सुक बना दिया, जो 2003 के बाद सुरक्षा जोखिमों के कारण काफी हद तक कम हो गया था. ऐसे में इराक में एक बार फीर से हालातों का बिगड़ना भारतीय कंपनियों को फिर से डरा सकता है.


इसका सबसे ज्यादा असर कच्चे तेल, वस्तुओं और इंफ्रास्ट्रक्चर सैक्टर में पड़ेगा. साथ ही भारत तेल आयात पर सबसे ज्यादा निर्भर है, जो 2017-2018 में 82.9 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 83.7 प्रतिशत हो गया है. हालांकि भारत लगातार अपनी तेल आयात निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन खपत के बढ़ते स्तर और घरेलू उत्पादन में गिरावट ने इसे मुश्किल बना दिया है.

क्या हैं इराक के ताजा हालात

इराक में गृहयुद्ध जैसे हालात इस वक्त बने हुए हैं. हालांकि, यहां रह रहे सभी भारतीय सुरक्षित हैं. इराक में करीब 7 हजार भारतीय मौजूद हैं. इराक के कई जगहों से हिंसा की खबरें सामने आई हैं. राष्ट्रपति भवन में घुसपैठ हुई और सरकारी इमारतों पर हिंसकों ने कब्जा कर लिया. इस बीच इराकी प्रधानमंत्री अल खदीमी ने शांति की अपील की. इससे पहले धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की बात कही थी. हालांकि, यहां सदर के इस्तीफे के बाद लोगों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है.