ऑनलाइन संपत्तिकर का भुगतान बंद, नहीं चल रही एमसीडी की वेबसाइट

in #wortheumnews3 months ago

Screenshot_20240416-055634.pngएमसीडी की वेबसाइट करीब एक हफ्ते से ठप पड़ी होने के कारण ऑनलाइन संपत्तिकर का भुगतान नहीं हो पा रहा है। संपत्तिकर जमा करने के लिए लोग निगम दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। वेबसाइट पर ऑनलाइन सर्विसेज की विंडो नहीं खुल रही। कभी मुश्किल से ये विंडो खुल भी रही तो इसके आगे प्रॉपर्टी टैक्स की विंडो नॉट रीचेबल बता रही है। निगम ने इसको दुरुस्त करने के लिए 15 अप्रैल तक का समय लोगों से मांगा था, लेकिन सोमवार को भी वेबसाइट बंद रही। सिविक सेंटर में समस्याएं लेकर पहुंचे नागरिकों से पता चला कि निगम की वेबसाइट आए दिन बंद पड़ जाती है, जिस वजह से निगम सेवाओं का सुचारु रूप से लाभ नहीं मिल पा रहा है।

निगम के आईटी डिपार्टमेंट पर हर महीने लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, जबकि इसकी ऑनलाइन सेवाएं बेहद लचर बनी हैं। एमसीडी की वेबसाइट का सर्वर धीमा रहता है। निगम अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में करीब 55 लाख संपत्तियां हैं, जिनमें से करीब 80 फीसदी संपत्तियां अनधिकृत कॉलोनियों में हैं। बाकी 20 फीसदी (करीब 11 लाख संपत्तियां) नियमित कालोनियों में हैं, जिनसे संपत्तिकर मिलता है। पिछले वित्त वर्ष में एमसीडी को करीब 2300 करोड़ रुपये संपत्तिकर के रूप में हासिल हुआ था। निगम ने मौजूदा वित्त वर्ष में करीब 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्तिकर अर्जित करने का लक्ष्य रखा है।

जियो टैगिंग की साइट भी बंद रहने की शिकायत
नागरिकों की शिकायत है कि जियो टैगिंग करने की वेबसाइट भी अधिकतर बंद रहती है, जिसके कारण लोग अपनी संपत्ति को टैग नहीं कर पा रहे। निगम ने नियम बनाया है कि 30 अप्रैल तक जिन लोगों की संपत्तियां जियो टैग नहीं रहेंगी, उनको संपत्तिकर का एकमुश्त भुगतान पर मिलने वाली 10 फीसदी की छूट नहीं दी जाएगी। पहले लोगों को एकमुश्त संपत्तिकर भुगतान करने पर 15 फीसदी की छूट दी जाती थी।

एमसीडी के डीबीसी 15 दिन बाद भी नहीं बन पाए एमटीएस
एमसीडी में तैनात दैनिक वेतनभोगी 3100 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) को मल्टी टास्क स्टाफ (एमटीएस) की पोस्ट पर 15 दिन बाद भी तैनाती नहीं मिल पाई। निगम का एंटी डेंगू, मलेरिया अभियान ठप पड़ा है। इन्हें फिर से काम पर रखने के लिए निगम ने संशोधित समझौता पत्र अभी तक जारी नहीं किया, जिससे परेशान कर्मचारियों ने 18 अप्रैल को सिविक सेंटर घेराव की चेतावनी दी है। डीबीसी का अनुबंध 31 मार्च को खत्म हो गया है। एक दिन ब्रेक के बाद निगम ने इन्हें 2 अप्रैल से एमटीएस पोस्ट पर तैनात करने का फैसला किया था। एमसीडी ने इन्हें ज्वाइनिंग से पहले जो समझौता पत्र हस्ताक्षर करने के लिए दिए, वह डीबीसी से पहले किए वादे के अनुरूप नहीं थे। इसलिए कर्मचारियों ने समझौता पत्र का विरोध किया। एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन के मुताबिक इस मसले को सुलझाने के लिए 1 अप्रैल को डीबीसी कर्मियों की निगम के अतिरिक्त आयुक्त के साथ मीटिंग हुई, जिसमें आश्वासन मिला कि जल्द ही संशोधित समझौता पत्र इन्हें दिया जाएगा, लेकिन अब तक नहीं दिया गया।